गुरुवार, 1 जनवरी 2015

"टॉन्सिल्स और टॉन्सिलाइटिस (Tonsils & Tonsillitis)"

* गले के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ माँस की गाँठ सी प्रतीत
होती हैं, इन्हें टॉन्सिल कहते हैं, और इनमें पैदा होने वाली सूजन
को टॉन्सिलाईटिस कहा जाता है.
* इस स्थिति में गले में बहुत दर्द होता है तथा खाने का स्वाद
भी पता नहीं चलता है. चावल, ज्यादा ठन्डे पेय
पदार्थों का सेवन, मैदा तथा ज्यादा खट्टी वस्तुओं का अधिक
प्रयोग करना टॉन्सिल बढ़ने के मुख्य कारण होते हैं.
* इन सबसे पेट में अम्ल/गैस बढ़ जाते हैं जिनसे कब्ज़ हो जाती है.
सर्दी लगने से, मौसम के अचानक बदल जाने से जैसे गर्म से अचानक
ठंडा हो जाना तथा दूषित वातावरण में रहने से भी कई बार
टॉन्सिल बढ़ जाते हैं.
* इस रोग के होते ही ठण्ड लगने के साथ बुखार भी आ जाता है,
दर्द के मारे गले पर हाथ नहीं रखा जाता और थूक निगलने में
भी परेशानी होती है.
आईये जानते हैं टॉन्सिलाइटिस से निजात पाने के कुछ उपाय-
उपचार:
१/- गर्म (गुनगुने) पानी में एक चम्मच नमक डालकर गरारे करने से गले
की सूजन में काफी लाभ होता है.
२/- दालचीनी को पीसकर चूर्ण बना लें. चुटकी भर चूर्ण शहद में
मिलाकर प्रतिदिन 3 बार चाटने से टॉन्सिल के रोग में लाभ
होता है. इसी प्रकार तुलसी की मंजरी के चूर्ण का उपयोग
भी किया जा सकता है.
३/- एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवायन डालकर उबाल लें.
इस पानी को ठंडा करके उससे गरारे और कुल्ला करने से टॉन्सिल में
आराम मिलता है.
४/- दो चुटकी पिसी हुई हल्दी, आधी चुटकी पिसी हुई
कालीमिर्च और एक चम्म्च अदरक के रस को मिलाकर आग पर गर्म
कर लें और फिर शहद में मिलाकर रात को सोते समय लेने से दो दिन
में ही टॉन्सिल की सूजन दूर हो जाती है.
५/- गले में टॉन्सिल होने पर सिंघाड़े को पानी में उबालकर उसके
पानी से कुल्ला करने से आराम होता है.
भोजन में बिना नमक की उबली हुई सब्ज़ियाँ खाने से टॉन्सिल में
जल्दी आराम आ जाता है. मिर्च-मसाले, ज्यादा तेल की सब्ज़ी,
खट्टी व ठंडी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए. गर्म
पदार्थों के सेवन के पश्चात ठंडे पदार्थों का सेवन कदापि न करें.

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