यह मूल रूप से प्रशांत महासागरीय द्वीप एवं म्यांमार ,
श्रीलंका एवं अन्य उष्णकटिबंधीय समुद्रतटवर्ती प्रदेशों में
पाया जाता है | भारत में यह विशेषतः केरल , उड़ीसा , पश्चिम
बंगाल , महाराष्ट्र , गुजरात एवं दक्षिण भारत में सर्वत्र
पाया जाता है | जिस प्रकार देवताओं में श्री गणेश जी प्रथम
प्रतिष्ठित किए गए हैं , ठीक उसी प्रकार फलों में नारियल
का स्थान है | आठ यह श्रीफल कहलाता है | इसका पुष्पकाल एवं
फलकाल वर्षपर्यंत तक होता है |
नारियल के पेड़ समुद्र के किनारे पर उगते हैं | लगभग ७ से ८ साल बाद
इस पर फल लगते हैं | नारियल का फल और पानी खाने-पीने में
शीतल होता है । नारियल में कार्बोहाइड्रेट और खनिज क्षार
काफी मात्रा में पाया जाता है | इसमें विटामिन और अनेक
लाभदायक तत्व मिलते हैं | नारियल के पानी में मैग्नीशियम और
कैल्शियम भी होता है | सूखे नारियल में इन तत्वों की मात्रा कम
होती है |
विभिन्न रोगों में नारियल से उपचार ----
१- नारियल-पानी पीने से उलटी आना और अधिक प्यास
लगना कम हो जाता है |
२- नारियल के पानी में नमक डालकर पीने से पेट के दर्द में आराम
मिलता है |
३-नारियल के तेल की सिर में मालिश करने से
बालों का गिरना बंद हो जाता है |
४-प्रतिदिन नारियल पानी चेहरे पर लगाने से चेहरे के कील-
मुँहासे , दाग- धब्बे और चेचक के निशान दूर हो जाते हैं |
५ -सूखे नारियल को घिसकर बुरादा बना लें , फिर एक कप
पानी में एक चौथाई कप बुरादा भिगो दें | दो घंटे बाद इसे छानकर
नारियल का बुरादा निकालकर पीस लें | इसकी चटनी-
सी बनाकर भिगोए हुए पानी में घोलकर पी जाएँ | इस प्रकार इसे
प्रतिदिन तीन बार पीने से खांसी , फेफड़ों के रोगऔर टी.बी. में
लाभ होता है।|
६- नारियल के तेल और कपूर को मिलाकर एग्ज़िमा वाले स्थान
पर लगाने से लाभ मिलता है |
७- शरीर के किसी भाग के जलने पर प्रतिदिन उस स्थान पर
नारियल का तेल लगाने से जलन भी शांत होती है तथा निशान
भी नहीं पड़ता है |
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