सोमवार, 5 जनवरी 2015

बवासीर (पाइल्स) का अचूक नुस्खा -----


खूनी बवासीर या मस्से वाली बवासीर का एक अचूक
नुस्खा स्वदेशी चिकित्सा
मैं होमियोपैथी की मदरटिंचर हेमेमिलिस और बायोकाम्बिनेशन
नम्बर सत्रह से बवासीर के अनेक केस ठीक कर चुका हूँ। पाँच-पाँच
बूंद हेमेमिलिस आधा कप पानी में मिला कर दिन में तीन बार और
बायोकाम्बिनेशन सत्रह की चार-चार गोलियाँ तीन बार लेने से
खूनी और साधारण बवासीर ठीक हो जाती है।
एक रोगी को शायद बदपरेहजी की वजह से यह रोग
दोबारा हो गया। दूसरी बार उसे होमियोपैथी के इस नुस्खे से
लाभ नहीं हो रहा था। उस पर स्वदेशी चिकित्सा सार का यह
नुस्खा आजमाया गया। बरोशी महाराष्ट्र के
स्वामी डा.ओमानंदजी का यह अनुभूत प्रयोग सचमुच अचूक है।
जैसा कि उन्होंने दावा किया है एक दिन में ही रक्तस्राव बंद
हो जाता है। बड़ा सस्ता व सरल उपाय है।
नारियल की जटा लीजिए। उसे माचिस से जला दीजिए। जलकर
भस्म बन जाएगी। इस भस्म को शीशी में भर कर ऱख लीजिए। कप
डेढ़ कप छाछ या दही के साथ नारियल की जटा से बनी भस्म
तीन ग्राम खाली पेट दिन में तीन बार सिर्फ एक ही दिन लेनी है।
ध्यान रहे दही या छाछ ताजी हो खट्टी न हो। कैसी और
कितनी ही पुरानी पाइल्स की बीमारी क्यों न हो, एक दिन में
ही ठीक हो जाती है।
सचमुच मुझे भी ऐसा ही चमत्कार देखने को मिला। उस मरीज
को जो पंद्रह दिन से खूनी बवासीर के कारण परेशान था, एक दिन
में ही आराम हो गया। स्वामीजी ने लिखा है कि यह
नुस्खा किसी भी प्रकार के रक्तस्राव को रोकने में कारगर है।
महिलाओं के मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव या श्वेत प्रदर
की बीमारी में भी कारगर है। हैजा, वमन या हिचकी रोग में यह
भस्म एक घूँट पानी के साथ लेनी चाहिए। ऐसे कितने ही नुस्खे
हिन्दुस्तान के मंदिरों और मठों में साधु
संन्यासियों द्वारा आजमाए हुए हैं। इन पर शोध
किया जाना चाहिए।
पुनः कुछ लोगों ने मुझे फोन कर सवाल किया कि खाली पेट दिन
में तीन बार लेना अर्थार्थ दिन भर भोजन नहीं करना है क्या।
मेरा सुझाव है कि दवा लेने के एक घंटा पहले और एक घंटा बाद तक
कुछ न खाएं तो चलेगा। अगर रोग ज्यादा जीर्ण हो और एक दिन
दवा लेने से लाभ न हो तो दो या तीन दिन लेकर देखिए।

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