चाय के साथ कोई
भी नमकीन चीज
नहीं खानी चाहिए।दूध और
नमक का संयोग सफ़ेद दाग
या किसी भी स्किन
डीजीज को जन्म दे सकता है,
बाल असमय सफ़ेद होना या बाल
झड़ना भी स्किन
डीजीज ही है।
सर्व प्रथम यह जान लीजिये कि कोई
भी आयुर्वेदिक
दवा खाली पेट खाई
जाती है और दवा खाने से आधे घंटे के अंदर
कुछ खाना अति आवश्यक होता है,
नहीं तो दवा की गरमी आपको बेचैन
कर देगी।
दूध या दूध
की बनी किसी भी चीज
के साथ दही ,नमक, इमली,
खरबूजा,बेल, नारियल, मूली,
तोरई,तिल ,तेल, कुल्थी, सत्तू, खटाई,
नहीं खानी चाहिए।
दही के साथ खरबूजा, पनीर,
दूध और खीर
नहीं खानी चाहिए।
गर्म जल के साथ शहद
कभी नही लेना चाहिए।
ठंडे जल के साथ घी, तेल, खरबूज, अमरूद,
ककड़ी, खीरा,
जामुन ,मूंगफली कभी नहीं।
शहद के साथ मूली , अंगूर, गरम खाद्य
या गर्म जल कभी नहीं।
खीर के साथ सत्तू, शराब, खटाई,
खिचड़ी ,कटहल
कभी नहीं।
घी के साथ बराबर मात्र1 में शहद भूल कर
भी नहीं खाना चाहिए ये
तुरंत जहर का काम करेगा।
तरबूज के साथ
पुदीना या ठंडा पानी कभी नहीं।
चावल के साथ
सिरका कभी नहीं।
चाय के साथ
ककड़ी खीरा भी कभी मत
खाएं।
खरबूज के साथ दूध, दही, लहसून और
मूली कभी नहीं।
कुछ चीजों को एक साथ खाना अमृत
का काम करता है जैसे-
खरबूजे के साथ चीनी
इमली के साथ गुड
गाजर और मेथी का साग
बथुआ और दही का रायता
मकई के साथ मट्ठा
अमरुद के साथ सौंफ
तरबूज के साथ गुड
मूली और मूली के पत्ते
अनाज या दाल के साथ दूध या दही
आम के साथ गाय का दूध
चावल के साथ दही
खजूर के साथ दूध
चावल के साथ नारियल
की गिरी
केले के साथ इलायची
कभी कभी कुछ
चीजें बहुत पसंद होने के कारण हम
ज्यादा बहुत ज्यादा खा लेते हैं।
ऎसी चीजो के बारे में बताते
हैं जो अगर आपने ज्यादा खा ली हैं
तो कैसे पचाई जाएँ ----
केले की अधिकता में
दो छोटी इलायची
आम पचाने के लिए आधा चम्म्च सोंठ का चूर्ण और गुड
जामुन ज्यादा खा लिया तो ३-४
चुटकी नमक
सेब ज्यादा हो जाए
तो दालचीनी का चूर्ण एक
ग्राम
खरबूज के लिए आधा कप
चीनी का शरबत
तरबूज के लिए सिर्फ एक लौंग
अमरूद के लिए सौंफ
नींबू के लिए नमक
बेर के लिए सिरका
गन्ना ज्यादा चूस लिया हो तो ३-४ बेर
खा लीजिये
चावल ज्यादा खा लिया है तो आधा चम्म्च
अजवाइन पानी से निगल
लीजिये
बैगन के लिए सरसो का तेल एक चम्म्च
मूली ज्यादा खा ली हो तो एक
चम्म्च काला तिल चबा लीजिये
बेसन ज्यादा खाया हो तो मूली के पत्ते
चबाएं
खाना ज्यादा खा लिया है
तो थोड़ी दही खाइये
मटर ज्यादा खाई हो तो अदरक चबाएं
इमली या उड़द की दाल
या मूंगफली या शकरकंद
या जिमीकंद
ज्यादा खा लीजिये तो फिर गुड खाइये
मुंग या चने की दाल ज्यादा खाये
हों तो एक चम्म्च
सिरका पी लीजिये
मकई ज्यादा खा गये
हो तो मट्ठा पीजिये
घी या खीर ज्यादा खा गये
हों तो काली मिर्च चबाएं
खुरमानी ज्यादा हो जाए
तोठंडा पानी पीयें
पूरी कचौड़ी ज्यादा हो जाए
तो गर्म पानी पीजिये
अगर सम्भव हो तो भोजन के साथ
दो नींबू का रस आपको जरूर ले
लेना चाहिए या पानी में मिला कर
पीजिये या भोजन में निचोड़
लीजिये ,८०%
बीमारियों से बचे रहेंगे।
अब ये देखिये कि किस महीने में
क्या नही खाना चाहिए और क्या जरूर
खाना चाहिए ---
चैत में गुड बिलकुल
नहीं खाना ,नीम
की पत्ती /फल, फूल खूब
चबाना।
बैसाख में नया तेल नहीं खाना ,चावल खूब
खाएं।
जेठ में दोपहर में चलना मना है, दोपहर में
सोना जरुरी है।
आषाढ़ में पका बेल खाना मना है, घर
की मरम्मत जरूरी है।
सावन में साग खाना मना है, हर्रे
खाना जरूरी है।
भादो मे दही मत खाना,
चना खाना जरुरी है।
कुवार में करेला मना है, गुड
खाना जरुरी है।
कार्तिक में जमीन पर सोना मना है,
मूली खाना जरूरी है।
अगहन में जीरा नहीं खाना ,
तेल खाना जरुरी है।
पूस में धनिया नहीं खाना, दूध
पीना जरूरी है।
माघ में मिश्री मत
खाना ,खिचड़ी खाना जरुरी है।
फागुन में चना मत खाना, प्रातः स्नान और
नाश्ता जरुरी है।
भी नमकीन चीज
नहीं खानी चाहिए।दूध और
नमक का संयोग सफ़ेद दाग
या किसी भी स्किन
डीजीज को जन्म दे सकता है,
बाल असमय सफ़ेद होना या बाल
झड़ना भी स्किन
डीजीज ही है।
सर्व प्रथम यह जान लीजिये कि कोई
भी आयुर्वेदिक
दवा खाली पेट खाई
जाती है और दवा खाने से आधे घंटे के अंदर
कुछ खाना अति आवश्यक होता है,
नहीं तो दवा की गरमी आपको बेचैन
कर देगी।
दूध या दूध
की बनी किसी भी चीज
के साथ दही ,नमक, इमली,
खरबूजा,बेल, नारियल, मूली,
तोरई,तिल ,तेल, कुल्थी, सत्तू, खटाई,
नहीं खानी चाहिए।
दही के साथ खरबूजा, पनीर,
दूध और खीर
नहीं खानी चाहिए।
गर्म जल के साथ शहद
कभी नही लेना चाहिए।
ठंडे जल के साथ घी, तेल, खरबूज, अमरूद,
ककड़ी, खीरा,
जामुन ,मूंगफली कभी नहीं।
शहद के साथ मूली , अंगूर, गरम खाद्य
या गर्म जल कभी नहीं।
खीर के साथ सत्तू, शराब, खटाई,
खिचड़ी ,कटहल
कभी नहीं।
घी के साथ बराबर मात्र1 में शहद भूल कर
भी नहीं खाना चाहिए ये
तुरंत जहर का काम करेगा।
तरबूज के साथ
पुदीना या ठंडा पानी कभी नहीं।
चावल के साथ
सिरका कभी नहीं।
चाय के साथ
ककड़ी खीरा भी कभी मत
खाएं।
खरबूज के साथ दूध, दही, लहसून और
मूली कभी नहीं।
कुछ चीजों को एक साथ खाना अमृत
का काम करता है जैसे-
खरबूजे के साथ चीनी
इमली के साथ गुड
गाजर और मेथी का साग
बथुआ और दही का रायता
मकई के साथ मट्ठा
अमरुद के साथ सौंफ
तरबूज के साथ गुड
मूली और मूली के पत्ते
अनाज या दाल के साथ दूध या दही
आम के साथ गाय का दूध
चावल के साथ दही
खजूर के साथ दूध
चावल के साथ नारियल
की गिरी
केले के साथ इलायची
कभी कभी कुछ
चीजें बहुत पसंद होने के कारण हम
ज्यादा बहुत ज्यादा खा लेते हैं।
ऎसी चीजो के बारे में बताते
हैं जो अगर आपने ज्यादा खा ली हैं
तो कैसे पचाई जाएँ ----
केले की अधिकता में
दो छोटी इलायची
आम पचाने के लिए आधा चम्म्च सोंठ का चूर्ण और गुड
जामुन ज्यादा खा लिया तो ३-४
चुटकी नमक
सेब ज्यादा हो जाए
तो दालचीनी का चूर्ण एक
ग्राम
खरबूज के लिए आधा कप
चीनी का शरबत
तरबूज के लिए सिर्फ एक लौंग
अमरूद के लिए सौंफ
नींबू के लिए नमक
बेर के लिए सिरका
गन्ना ज्यादा चूस लिया हो तो ३-४ बेर
खा लीजिये
चावल ज्यादा खा लिया है तो आधा चम्म्च
अजवाइन पानी से निगल
लीजिये
बैगन के लिए सरसो का तेल एक चम्म्च
मूली ज्यादा खा ली हो तो एक
चम्म्च काला तिल चबा लीजिये
बेसन ज्यादा खाया हो तो मूली के पत्ते
चबाएं
खाना ज्यादा खा लिया है
तो थोड़ी दही खाइये
मटर ज्यादा खाई हो तो अदरक चबाएं
इमली या उड़द की दाल
या मूंगफली या शकरकंद
या जिमीकंद
ज्यादा खा लीजिये तो फिर गुड खाइये
मुंग या चने की दाल ज्यादा खाये
हों तो एक चम्म्च
सिरका पी लीजिये
मकई ज्यादा खा गये
हो तो मट्ठा पीजिये
घी या खीर ज्यादा खा गये
हों तो काली मिर्च चबाएं
खुरमानी ज्यादा हो जाए
तोठंडा पानी पीयें
पूरी कचौड़ी ज्यादा हो जाए
तो गर्म पानी पीजिये
अगर सम्भव हो तो भोजन के साथ
दो नींबू का रस आपको जरूर ले
लेना चाहिए या पानी में मिला कर
पीजिये या भोजन में निचोड़
लीजिये ,८०%
बीमारियों से बचे रहेंगे।
अब ये देखिये कि किस महीने में
क्या नही खाना चाहिए और क्या जरूर
खाना चाहिए ---
चैत में गुड बिलकुल
नहीं खाना ,नीम
की पत्ती /फल, फूल खूब
चबाना।
बैसाख में नया तेल नहीं खाना ,चावल खूब
खाएं।
जेठ में दोपहर में चलना मना है, दोपहर में
सोना जरुरी है।
आषाढ़ में पका बेल खाना मना है, घर
की मरम्मत जरूरी है।
सावन में साग खाना मना है, हर्रे
खाना जरूरी है।
भादो मे दही मत खाना,
चना खाना जरुरी है।
कुवार में करेला मना है, गुड
खाना जरुरी है।
कार्तिक में जमीन पर सोना मना है,
मूली खाना जरूरी है।
अगहन में जीरा नहीं खाना ,
तेल खाना जरुरी है।
पूस में धनिया नहीं खाना, दूध
पीना जरूरी है।
माघ में मिश्री मत
खाना ,खिचड़ी खाना जरुरी है।
फागुन में चना मत खाना, प्रातः स्नान और
नाश्ता जरुरी है।
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