शनिवार, 17 जनवरी 2015

फटी एड़ियो का उपचार:


शरीर में उष्णता या खुश्की बढ़ जाने, नंगे पैर चलने-
फिरने, खून की कमी, तेज ठंड के प्रभाव से तथा धूल-
मिट्टी से पैर की एड़ियां फट जाती हैं।
यदि इनकी देखभाल न की जाए तो ये ज्यादा फट
जाती हैं और इनसे खून आने लगता है, ये बहुत दर्द
करती हैं। एक कहावत शायद इसलिए प्रसिद्ध है-
जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई।
घरेलू इलाज
* अमचूर का तेल 50 ग्राम, मोम 20 ग्राम,
सत्यानाशी के बीजों का पावडर 10 ग्राम और शुद्ध
घी 25 ग्राम। सबको मिलाकर एक जान कर लें और
शीशी में भर लें। सोते समय पैरों को धोकर साफ कर लें और
पोंछकर यह दवा बिवाई में भर दें और ऊपर से मोजे
पहनकर सो जाएं। कुछ दिनों में बिवाई दूर हो जाएगी,
तलवों की त्वचा साफ, चिकनी व साफ हो जाएगी।
* त्रिफला चूर्ण को खाने के तेल में तलकर मल्हम
जैसा गाढ़ा कर लें। इसे सोते समय बिवाइयों में लगाने से
थोड़े ही दिनों में बिवाइयां दूर हो जाती हैं।
चावल को पीसकर नारियल में छेद करके भर दें और छेद
बन्द करके रख दें। 10-15 दिन में चावल सड़ जाएगा, तब
निकालकर चावल को पीसकर बिवाइयों में रोज रात
को भर दिया करें। इस प्रयोग से भी बिवाइयां ठीक
हो जाती हैं।
* गुड़, गुग्गल, राल, सेंधा नमक, शहद, सरसों, मुलहटी व
घी सब 10-10 ग्राम लें। घी व शहद को छोड़ सब
द्रव्यों को कूटकर महीन चूर्ण कर लें, घी व शहद
मिलाकर मल्हम बना लें। इस मल्हम को रोज रात
को बिवाइयों पर लगाने से ये कुछ ही दिन में ठीक
हो जाती हैं।
* रात को सोते समय चित्त लेट जाएं, हाथ
की अंगुली लगभग डेढ़ इंच सरसों के तेल में भिगोकर
नाभि में लगाकर 2-3 मिनट तक रगड़ते हुए मालिश करें
और तेल को सुखा दें। जब तक तेल नाभि में जज्ब न
हो जाए, रगड़ते रहें। यह प्रयोग सिर्फ एक सप्ताह करने
पर बिवाइयां ठीक हो जाती हैं और एड़ियां साफ,
चिकनी व मुलायम हो जाती हैं। एड़ी पर कुछ भी लगाने
की जरूरत नहीं।

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