सोमवार, 26 जनवरी 2015

इस फल को खाएं उग आएंगे सिर के उड़े हुए बाल .......!


* सीताफल(शरीफा ) एक बड़ा ही स्वादिष्ट
फल है लेकिन
लोग इसके बारे में थोड़ा कम जानकारी रखते हैं।
सीताफल अगस्त से नवम्बर के आस-पास अर्थात्
आश्विन से माघ मास
के बीच आने वाला फल है। अगर आयुर्वेद
की बात माने
तो सीताफल शरीर को शीतलता पहुंचाता है।
यह पित्तशामक, तृषाशामक, उलटी बंद करने वाला,
पौष्टिक,
तृप्तिकर्ता, कफ एवं वीर्यवर्धक, मांस एवं
रक्तवर्धक,
बलवर्धक, वातदोषशामक एवं हृदय के लिए
बहुत ही लाभदायी होता है।
* सीताफल को भगवन राम एवं माता सीता से
जोड़ते हैं।
ऐसी मान्यता है कि सीता ने वनवास के समय
जो वन फल
राम को भेंट किया, उसी का नाम सीताफल पड़ा। अगर आप
दिन में एक # सीताफल का सेवन करते हैं,
तो आपको अनेको बीमारियों से निजात
मिलेगा। आइये जानते
हैं सीताफल खाने से हम किन-किन
बीमारियों से निजात
पा सकते हैं।
* सीताफल सिर्फ फल नहीं, दवा भी है। एक्सपर्ट्स
का कहना है कि जो लोग शरीर से दुबले पतले
होते हैं उन्हें
सीताफल खाना चाहिए। सीताफल खाने से
शरीर
की दुर्बलता तो दूर होती ही है साथ ही मैनपावर
भी बढता है।
* सीताफल एक मीठा फल है। इसमें
काफी मात्रा में
कैलोरी होती है। यह आसानी से पचने
वाला और अल्सर व एसिडिटी में लाभकारी होता है। इसमें
आयरन और विटामिन-
सी की मात्रा अच्छी होती है। इसके
अलावा सीताफल कई
रोगों में रामबाण की तरह काम करता है।
* सीताफल के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीस कर
बालों में लगाने से सिर के उड़े हुए बाल फिर से
उग आते हैं।
* सीताफल के बीजों को बारीक पीस कर रात
को सिर में
लगा लें और किसी मोटे कपड़े से सिर को अच्छी तरह बांध कर
सो जाएं। इससे जुएं मर जाती हैं। इस बात
का ध्यान रखें
कि यह आंखों तक न पहुंचे, क्योंकि इससे
आंखों में जलन व
अन्य नुकसान हो सकता है। शरीफा के पत्तों का रस
बालों की जड़ो में अच्छी तरह मालिश करने से
जुएं मर
जाती हैं। सीताफल के बीजों को महीन चूर्ण
बनाकर पानी से
लेप तैयार कर रात को सिर में लगाएं एवं सबेरे धो लें।
दो तीन रात ऐसा करने से जुएं समाप्त
हो जाती हैं।
चूंकि बीज से निकलने वाला तेल
विषला होता है, इसलिए
बालों में इसका लेप लगाते समय आंख को बचाकर
रखना चाहिये।
* सीताफल घबराहट को दूर करता है। हार्ट
बीट
को सही करता है। इसकी एक बड़ी किस्म
और होती है, जिसे रामफल कहते हैं। जिनका हृदय कमजोर
हो, हृदय
का स्पंदन खूब ज्यादा हो, घबराहट होती हो,
उच्च
रक्तचाप हो ऐसे रोगियों के लिए
भी सीताफल का सेवन लाभप्रद है।
* सीताफल खाने से इसके गूदे से बने शरबत
को पीने से शरीर
की जलन को ठीक करता है। वे लोग
जिनका शरीर हर वक्त
जलता रहता है और गर्म रहता है, उन्हें नियमित रूप से
सीताफल का सेवन करना चाहिये।
* शरीफा में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में
होता है
जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मददगार होता है।
यह त्वचा पर आने वाले एजिंग के निशानों से
भी बचाता है।
* पेट के लिये... इसमें घुलनशील रेशे होते हैं,
जो कि पाचक्रिया के लिये बेहतरीन होते
हैं।
* इसमे खूब सारा विटामिन ए होता है, जो कि हमारे
बालों, आंखों और त्वचा के लिये बहुत
ही फायदेमंद होता है।
* सीताफल के पत्तों को पीस कर फोड़ों पर
लगाने से फोड़े
ठीक हो जाते हैं। * सीताफल शरीर की दुर्बलता, थकान, मांस-
पेशियां क्षीण
होने की दशा में सीताफल
का खाना लाभकारी होता है।
* सीताफल का कच्चा फल खाना अतिसार और
पेचिश में उपयोगी है। यह शरीर के लिए अत्यंत श्रेष्ठ
फल है। जब
फल कच्चा हो तब उसे काट कर सुखा दें और
पीस कर
रोगी को खिलाएं। इससे
डायरिया की समस्या सही हो जाएगी।

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