शनिवार, 6 दिसंबर 2014

नीम को आयुर्वेद में एक बहुत ही उपयोगी वनस्पति माना गया है।

नीम को आयुर्वेद में एक बहुत ही उपयोगी वनस्पति माना गया है।
नीम का प्रयोग अनेक रोगों में चमत्कारी असर दिखाता है। नीम
के उपयोग से कई लाइलाज बीमारियों को ठीक
किया जा सकता है आइए आज हम आपको बताते हैं नीम के कुछ ऐसे
प्रयोग जो दिखाएंगे नीचे लिखी समस्याओं में जादू सा असर...
- नीम का प्रयोग घाव, दाद, रक्तशोधन में लाभकारी होता है।
इसकी पत्तियों का रस भी बहुत गुणकारी माना जाता है। नीम
जूस शरीर की रंगत निखारने में असरदार है।
- नीम की पत्तियों के रस और शहद को 2:1 के अनुपात में पीने से
पीलिया में फायदा होता है, और इसको कान में डालने से कान के
विकारों में भी फायदा होता है। इसके अलावा नीम जूस मधुमेह
रोगियों के लिये भी फायदेमंद है। अगर आप रोजाना नीम जूस
पीएंगे तो आपका ब्लड़ शुगर लेवल बिल्कुल कंट्रोल में हो जाएगा।
- नीम जूस पीने से, शरीर की गंदगी निकल जाती है। जिससे
बालों की क्वालिटी, त्वचा और डायजेशन अच्छा हो जाता है।
नीम के रस का फायदा मलेरिया रोग में किया जाता है। नीम
वाइरस के विकास को रोकता है और लीवर
की कार्यक्षमता को मजबूत करता है।
- प्रेगनेंसी के दौरान नीम का रस योनि के दर्द को कम करता है।
कई प्रेगनेंट औरते लेबर पेन से मुक्ती पाने के लिये नीम के रस से मसाज
करती हैं। गर्भाशय और उसके आस-पास के अंगों का सूजन उतर
जाता है, भूख लगती है, दस्त साफ होता है, ज्वर नहीं आता,
यदि आता भी है तो उसका वेग अधिक नहीं होता।
- नीम के रस की दो बूंदे आंखो में डालने से
आंखो की रौशनी बढ़ती है और अगर कन्जंगक्टवाइटिस हो गया है,
तो वह भी जल्द ठीक हो जाता है।- यह बुरे कैलेस्ट्रोल को कम
या नष्ट करता है। नीम का महीने में 10 दिन तक सेवन करते रहने से
हार्ट अटैक की बीमारी दूर हो सकती है।

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