देशी गुलाब के गुण --
- पूरे भारत में गुलाब की पैदावार होती है।
- गुलाब के फूलों का रस रक्तशोधक होता है। गुलाब में विटामिन
सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अत: विटामिन
सी की कमी का पूरा करने के लिये इसका उपयोग
किया जाता है।
- गुलाब का शर्बत मस्तिष्क को बल व शीतलता प्रदान करता है।
- दाह, मुखपाक, मुखशोथ होने पर गुलकंद लाभकारी होता है। -
नेत्र विकारों में गुलाबजल का प्रयोग किया जाता है।
- गुलाबजल में फिटकरी मिलाकर उपयोग करने से कई रोग नष्ट होते
हैं।
- गुलाब के अर्क में सफेद चंदन व कपूर पीसकर माथे पर लेप करने से
सिरदर्द दूर होता है।
- गुलाब की पत्तियों के रस की कुछ बूंदें कान में डालने से कर्णशूल
में राहत मिलती है।
- गुलाब के अर्क में चंदन का तेल मिलाकर मालिश करने से शीत
पित्त में लाभ होता है।
- गुलाब के फूल, लौंग, अकरकरा और शीतल चीनी को पीसकर
गुलाब जल के साथ गोलियां बनाकर चूसने से मुंह की दुर्गंध दूर
होती है।
- प्रात:काल गुलकंद खाने से मुंह के छाले ठीक होते हैं।
- टीबी से आई शारीरिक कमजोरी में गुलकंद का सेवन करने से
लाभ होता है।
- हाथ-पैर या पूरे शरीर में जलन होने पर चंदन में गुलाबजल मिलाकर
लेप करें।
- गुलकंद को सनाय की पत्ती के साथ सेवन करने से कब्ज दूर
होता है।
- एक कप गुलाब जल, चौथाई कप चूने का पानी, चौथाई कप संतरे
का रस मिलाकर दिन में दो बार पीने से सीने में जलन, गले में जलन,
जी मिचलाना आदि रोग नष्ट होते हैं।
- जलन या बहुत ज्यादा गर्मी हो तो गुलाब की पंखुड़ी 10 ग्राम,
इलायची 5, काली मिर्च 5 तथा मिश्री 10 ग्राम पीसकर हर
चार घंटे पर पिलाएं।
- दाद पर गुलाब के अर्क में नींबू का रस मिलाकर लेप करें।
- लू लगने पर गुलाबजल, पानी में मिलाकर माथे पर पट्टी रखें।
- भोजन के बाद गुलकंद खाने से हाजमा ठीक होता है।
- आधा सीसी के दर्द में एक ग्राम असली नौसादर को 12 ग्राम
गुलाबजल में मिलाकर हिला लें। नाक में चार-पांच बूंद
दवा की टपकाकर नाक के अंदर खींच लें। कुछ ही देर में सिरदर्द में
आराम होगा।
- सुबह-सबेरे अगर खाली पेट गुलाबी गुलाब
की दो कच्ची पंखुड़ियां खा ली जाएं, तो दिन भर
ताजगी बनी रहती है क्योंकि गुलाब बेहद अच्छा रक्त शोधक है।
- अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर, ब्रोंकाइटिस, डायरिया, कफ, फीवर,
हाजमे की गड़बड़ी में गुलाब का सेवन बेहद उपयोगी होता है।
- गुलाब की पंखुड़ियों का इस्तेमाल चाय बनाने में भी होता है।
इससे शरीर में जमा अतिरिक्त टॉक्सिन निकल जाता है।
पंखुड़ियों को उबाल कर इसका पानी ठंडा कर पीने पर तनाव से
राहत मिलती है और मांसपेशियों की अकड़न दूर होती है।
- पेट दर्द, यूरीन से जुड़ी दिक्कतों में भी गुलाब
की पंखुड़ियों का पानी कारगर साबित होता है।
- गुलकंद एक आयुर्वेदिक टॉनिक है। गुलाब के फूल की भीनी-
भीनी खुशबू और पंखुड़ियों के औषधीय गुण से भरपूर गुलकंद
को नियमित खाने पर पित्त के दोष दूर होते हैं तथा इससे कफ में
भी राहत मिलती है। गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे
पहुंचाता है। हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है। गुलकंद
शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर
करता है। सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन
या खून आने की समस्या दूर हो जाती है।
-पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
अधिक रक्तस्त्राव से आराम मिलता है\ मुंह का अल्सर दूर करने के
लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है।
- गुलकंद खाने से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है\
- आंखों की जलन, खुजली दूर करने के लिए दोनों आंखों में 2-2 बूंद
गुलाबजल डालें।
- कब्ज दूर करने के लिए नियमित रूप से 2 चम्मच गुलकन्द का सेवन
सुबह शाम करने से लाभ मिलता है।
- मुंह में छाले होने पर गुलाब के फूलों का काढ़ा बनाकर
कुल्ला करने से छाले दूर होते हैं।
- दिल की धड़कन तेज होने पर सूखे हुए गुलाब
की पंखुड़ियों का चूर्ण और मिश्री बराबर मात्रा में एक चम्मच
सुबह एक चम्मच शाम को दूध के साथ लें। धड़कन सामान्य
हो जाती है।
- कान दर्द में गुलाब जल की दो-दो बूंदें दोनों कानों में डालने से
दर्द में आराम मिलता है।
- हाथों-पैरों या शरीर में जलन होने पर चंदन के पाउडर में गुलाब जल
मिलाकर जलन वाले स्थान पर लेप करें। थोड़ी देर में जलन शांत
हो जाएगी।
- पसीने की दुर्गन्ध दूर करने के लिए गुलाब
की ताजी पंखुड़ियों को थोड़े से पानी के साथ पीसकर एक
गिलास पानी में मिलाकर पूरे शरीर पर उसकी मालिश कर 5-10
मिनट तक छोड़ दें। थोड़ी देर बाद स्नान करने से दुर्गन्ध दूर
हो जाती है। इस प्रकार सप्ताह में तीन बार करें।
- शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए गुलकंद का नियमित
सेवन करना चाहिए।
- तैलीय त्वचा के लिए एक एक चम्मच गुलाब जल और निम्बू के रस में
पिसा हुआ पुदीना मिलाकर लगाएं.त्वचा में निखार लाने के
लिए चोकर में संतरे का रस , गुलाब जल और शहद मिला कर इस पेस्ट
को चेहरे पर लगाएं. सूखने पर हलके गर्म पानी से धो लें.
- अगर आपकी त्वचा शुष्क है, तो गर्मियों में अपनी त्वचा पर चंदन
पाउडर में गुलाब जल मिला कर लगाएं। त्वचा मुलायम होगी और
कील मुहांसों से भी राहत मिलेगी।
- रोज सुबह चेहरा धोने के बाद एक चम्मच गुलाब जल में नीबू
की कुछ बूंदें मिला कर हल्के हाथों से लगा कर धोएं। इससे
त्वचा का कालापन कम हो जाएगा। मुहांसों के पुराने दागों पर
नियमित गुलाब जल में शहद मिला कर लगाएं। दाग दूर हो जाएंगे।
गुलाब जल एक प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधन है जिसको लगातार
लगाने से कई तरह की त्वचा संबधी समस्याएं खतम हो जाती हैं। सन
बर्न या फिर त्वचा को साफ करना हो, गुलाब जल
काफी फायदेमंद होता है।
- पुरूष इसे आफ्टर शेव के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।
- गुलाब जल अरोमा थैरेपी का ही एक हिस्सा है। अगर गुलाब जल
का प्रयोग किया जाए तो काफी सकारात्मक प्रभाव मिलते हैं।
तनाव कम होना, अच्छी नींद आना, तरो-ताज़ा महसूस करना और
सौंदर्य निखरना यह सब गुलाब जल के लगातार उपयोग से
ही होता है।
- गुलाब जल एक सर्वश्रेष्ठ टोनर भी है। यह एक प्राकृतिक
अस्ट्रिन्जन्ट होता है इसलिए यह टोनर के रुप में प्रयोग
किया जाता है। रोज़ रात को इसे अपने चेहरे पर लगाएं और देखे
की आपकी त्वचा कुछ ही दिनों में टाइट हो जाएगी और
झुर्रियां चली जाएगीं।
- इसके अंदर ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिसकी वजह से आपके चेहरे के बंद
पोर्स साफ हो जाएगें। इन पोर्स में तेल और गंदगी छुपी रहती है
जिसकी वजह से चेहरे पर कील और मुंहासे हो जाते हैं। गुलाब जल
लगाने से चेहरा की त्वचा स्वस्थ्य और चमकदार बन जाती है।
- यदि आप कहीं तेज़ धूप में जा रहे हों तो त्वचा पर गुलाब जल
छिडकने से धूप का असर नहीं पड़ता। गुलाब जल एक कीटाणुनाशक
भी है। जिसके प्रयोग से छोटे छोटे कीटाणुओं का नाश
हो जाता है। इसको लगाने से धूप की वजह से होने वाले नुक्सानों से बचा जा सकता है ।
नुक्सानों से बचा जा सकता है।
- पूरे भारत में गुलाब की पैदावार होती है।
- गुलाब के फूलों का रस रक्तशोधक होता है। गुलाब में विटामिन
सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अत: विटामिन
सी की कमी का पूरा करने के लिये इसका उपयोग
किया जाता है।
- गुलाब का शर्बत मस्तिष्क को बल व शीतलता प्रदान करता है।
- दाह, मुखपाक, मुखशोथ होने पर गुलकंद लाभकारी होता है। -
नेत्र विकारों में गुलाबजल का प्रयोग किया जाता है।
- गुलाबजल में फिटकरी मिलाकर उपयोग करने से कई रोग नष्ट होते
हैं।
- गुलाब के अर्क में सफेद चंदन व कपूर पीसकर माथे पर लेप करने से
सिरदर्द दूर होता है।
- गुलाब की पत्तियों के रस की कुछ बूंदें कान में डालने से कर्णशूल
में राहत मिलती है।
- गुलाब के अर्क में चंदन का तेल मिलाकर मालिश करने से शीत
पित्त में लाभ होता है।
- गुलाब के फूल, लौंग, अकरकरा और शीतल चीनी को पीसकर
गुलाब जल के साथ गोलियां बनाकर चूसने से मुंह की दुर्गंध दूर
होती है।
- प्रात:काल गुलकंद खाने से मुंह के छाले ठीक होते हैं।
- टीबी से आई शारीरिक कमजोरी में गुलकंद का सेवन करने से
लाभ होता है।
- हाथ-पैर या पूरे शरीर में जलन होने पर चंदन में गुलाबजल मिलाकर
लेप करें।
- गुलकंद को सनाय की पत्ती के साथ सेवन करने से कब्ज दूर
होता है।
- एक कप गुलाब जल, चौथाई कप चूने का पानी, चौथाई कप संतरे
का रस मिलाकर दिन में दो बार पीने से सीने में जलन, गले में जलन,
जी मिचलाना आदि रोग नष्ट होते हैं।
- जलन या बहुत ज्यादा गर्मी हो तो गुलाब की पंखुड़ी 10 ग्राम,
इलायची 5, काली मिर्च 5 तथा मिश्री 10 ग्राम पीसकर हर
चार घंटे पर पिलाएं।
- दाद पर गुलाब के अर्क में नींबू का रस मिलाकर लेप करें।
- लू लगने पर गुलाबजल, पानी में मिलाकर माथे पर पट्टी रखें।
- भोजन के बाद गुलकंद खाने से हाजमा ठीक होता है।
- आधा सीसी के दर्द में एक ग्राम असली नौसादर को 12 ग्राम
गुलाबजल में मिलाकर हिला लें। नाक में चार-पांच बूंद
दवा की टपकाकर नाक के अंदर खींच लें। कुछ ही देर में सिरदर्द में
आराम होगा।
- सुबह-सबेरे अगर खाली पेट गुलाबी गुलाब
की दो कच्ची पंखुड़ियां खा ली जाएं, तो दिन भर
ताजगी बनी रहती है क्योंकि गुलाब बेहद अच्छा रक्त शोधक है।
- अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर, ब्रोंकाइटिस, डायरिया, कफ, फीवर,
हाजमे की गड़बड़ी में गुलाब का सेवन बेहद उपयोगी होता है।
- गुलाब की पंखुड़ियों का इस्तेमाल चाय बनाने में भी होता है।
इससे शरीर में जमा अतिरिक्त टॉक्सिन निकल जाता है।
पंखुड़ियों को उबाल कर इसका पानी ठंडा कर पीने पर तनाव से
राहत मिलती है और मांसपेशियों की अकड़न दूर होती है।
- पेट दर्द, यूरीन से जुड़ी दिक्कतों में भी गुलाब
की पंखुड़ियों का पानी कारगर साबित होता है।
- गुलकंद एक आयुर्वेदिक टॉनिक है। गुलाब के फूल की भीनी-
भीनी खुशबू और पंखुड़ियों के औषधीय गुण से भरपूर गुलकंद
को नियमित खाने पर पित्त के दोष दूर होते हैं तथा इससे कफ में
भी राहत मिलती है। गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे
पहुंचाता है। हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है। गुलकंद
शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर
करता है। सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन
या खून आने की समस्या दूर हो जाती है।
-पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
अधिक रक्तस्त्राव से आराम मिलता है\ मुंह का अल्सर दूर करने के
लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है।
- गुलकंद खाने से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है\
- आंखों की जलन, खुजली दूर करने के लिए दोनों आंखों में 2-2 बूंद
गुलाबजल डालें।
- कब्ज दूर करने के लिए नियमित रूप से 2 चम्मच गुलकन्द का सेवन
सुबह शाम करने से लाभ मिलता है।
- मुंह में छाले होने पर गुलाब के फूलों का काढ़ा बनाकर
कुल्ला करने से छाले दूर होते हैं।
- दिल की धड़कन तेज होने पर सूखे हुए गुलाब
की पंखुड़ियों का चूर्ण और मिश्री बराबर मात्रा में एक चम्मच
सुबह एक चम्मच शाम को दूध के साथ लें। धड़कन सामान्य
हो जाती है।
- कान दर्द में गुलाब जल की दो-दो बूंदें दोनों कानों में डालने से
दर्द में आराम मिलता है।
- हाथों-पैरों या शरीर में जलन होने पर चंदन के पाउडर में गुलाब जल
मिलाकर जलन वाले स्थान पर लेप करें। थोड़ी देर में जलन शांत
हो जाएगी।
- पसीने की दुर्गन्ध दूर करने के लिए गुलाब
की ताजी पंखुड़ियों को थोड़े से पानी के साथ पीसकर एक
गिलास पानी में मिलाकर पूरे शरीर पर उसकी मालिश कर 5-10
मिनट तक छोड़ दें। थोड़ी देर बाद स्नान करने से दुर्गन्ध दूर
हो जाती है। इस प्रकार सप्ताह में तीन बार करें।
- शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए गुलकंद का नियमित
सेवन करना चाहिए।
- तैलीय त्वचा के लिए एक एक चम्मच गुलाब जल और निम्बू के रस में
पिसा हुआ पुदीना मिलाकर लगाएं.त्वचा में निखार लाने के
लिए चोकर में संतरे का रस , गुलाब जल और शहद मिला कर इस पेस्ट
को चेहरे पर लगाएं. सूखने पर हलके गर्म पानी से धो लें.
- अगर आपकी त्वचा शुष्क है, तो गर्मियों में अपनी त्वचा पर चंदन
पाउडर में गुलाब जल मिला कर लगाएं। त्वचा मुलायम होगी और
कील मुहांसों से भी राहत मिलेगी।
- रोज सुबह चेहरा धोने के बाद एक चम्मच गुलाब जल में नीबू
की कुछ बूंदें मिला कर हल्के हाथों से लगा कर धोएं। इससे
त्वचा का कालापन कम हो जाएगा। मुहांसों के पुराने दागों पर
नियमित गुलाब जल में शहद मिला कर लगाएं। दाग दूर हो जाएंगे।
गुलाब जल एक प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधन है जिसको लगातार
लगाने से कई तरह की त्वचा संबधी समस्याएं खतम हो जाती हैं। सन
बर्न या फिर त्वचा को साफ करना हो, गुलाब जल
काफी फायदेमंद होता है।
- पुरूष इसे आफ्टर शेव के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।
- गुलाब जल अरोमा थैरेपी का ही एक हिस्सा है। अगर गुलाब जल
का प्रयोग किया जाए तो काफी सकारात्मक प्रभाव मिलते हैं।
तनाव कम होना, अच्छी नींद आना, तरो-ताज़ा महसूस करना और
सौंदर्य निखरना यह सब गुलाब जल के लगातार उपयोग से
ही होता है।
- गुलाब जल एक सर्वश्रेष्ठ टोनर भी है। यह एक प्राकृतिक
अस्ट्रिन्जन्ट होता है इसलिए यह टोनर के रुप में प्रयोग
किया जाता है। रोज़ रात को इसे अपने चेहरे पर लगाएं और देखे
की आपकी त्वचा कुछ ही दिनों में टाइट हो जाएगी और
झुर्रियां चली जाएगीं।
- इसके अंदर ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिसकी वजह से आपके चेहरे के बंद
पोर्स साफ हो जाएगें। इन पोर्स में तेल और गंदगी छुपी रहती है
जिसकी वजह से चेहरे पर कील और मुंहासे हो जाते हैं। गुलाब जल
लगाने से चेहरा की त्वचा स्वस्थ्य और चमकदार बन जाती है।
- यदि आप कहीं तेज़ धूप में जा रहे हों तो त्वचा पर गुलाब जल
छिडकने से धूप का असर नहीं पड़ता। गुलाब जल एक कीटाणुनाशक
भी है। जिसके प्रयोग से छोटे छोटे कीटाणुओं का नाश
हो जाता है। इसको लगाने से धूप की वजह से होने वाले नुक्सानों से बचा जा सकता है ।
नुक्सानों से बचा जा सकता है।
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