कान का बहना :
सुबह उठने के बाद पानी में नींबू को निचोड़कर पीने से कान से
मवाद बहना कम हो जाता है।
बिजौरा नींबू के रस में थोड़ी-सी सज्जीखार मिलाकर कान में
बूंदों के रूप में डालने से कान में से बहने वाला पीव बन्द होता है।
नींबू के 200 मिलीलीटर रस में सरसों का या तिल का तेल
मिलाकर अच्छी तरह उबाल लें। पकने पर छानकर बोतल में भरकर रख
लें। उसमें से 2-2 बूंद कान में डालते रहने से कान में पीव, खुजली, दर्द
और बहरेपन में लाभ पहुंचाता है।
प्यास अधिक लगना :
नींबू की पत्ती को मिट्टी में मिलाकर गोली बना लें। इस
गोली को आग में पकाकर 1 गिलास पानी में डालकर बुझाएं।
फिर उस पानी को कपड़े से छानकर पिलायें। इससे बुखार व अन्य
रोगों में लगने वाली प्यास मिटती है और गले का सूखना बन्द
हो जाता है।
नीबू को 1 गिलास पानी में निचोड़कर पीने से तेज प्यास
का लगना बन्द हो जाता है।
नींबू का शर्बत पीने से प्यास शान्त होती है।
गर्मी में नींबू के रस को शीतल (ठंड़े) पानी में मिला लें, फिर उसमें
चीनी डालकर शिकंजी बना लें। इसे पीने से गर्मी नष्ट होती है
और प्यास शान्त होती है।
कब्ज :
1 नींबू का रस 1 गिलास गर्म पानी के साथ रात में सोते समय लेने
से पेट साफ हो जाता है। नींबू का रस 15 मिलीलीटर और शक्कर
(चीनी) 15 ग्राम लेकर 1 गिलास पानी में मिलाकर रात
को पीने से पुरानी कब्ज दूर हो जाती है।
नींबू के रस में सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से पेट की बीमारी और
गैस बाहर निकल जाती है।
1 गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस व एक चम्मच शहद
मिलाकर पीने से कब्ज दूर होती है और शरीर का वजन घटने
लगता है।
नींबू का रस, 200 मिलीलीटर हल्का गर्म पानी, 5 मिलीलीटर
अदरक का रस और 10 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करने से कब्ज दूर
होती है।
5 मिलीलीटर नींबू के रस को 200 मिलीलीटर पानी के
मिलाकर उसमें 10 ग्राम मिश्री घोलकर पीने से कब्ज
(कोष्ठबद्धता) में लाभ मिलता है।
गन्ने का रस गर्म करके नींबू के रस के साथ सुबह के समय लेने से लाभ
होता है।
नींबू का रस 2 चम्मच, चीनी 5 ग्राम को मिलाकर शर्बत बना लें।
4-5 दिन तक लगातार पीने से लाभ होता है।
नींबू के रस में थोड़ी-सी पिसी हुई कालीमिर्च को डालकर सेवन
करना चाहिए।
गर्भवती स्त्रियों की उल्टी :
नींबू के रस को पानी में मिलाकर सुबह पिलाने से वमन (उल्टी) में
आराम आता है और भोजन आसानी से पचता है।
पेट दर्द :
नींबू के टुकड़ों पर कालानमक, कालाजीरा और कालीमिर्च
का पिसा हुआ चूर्ण डालकर चाटने से लाभ होता है।
1 छोटा चम्मच कागजी नींबू के रस में 1 चुटकी कालानमक
पिसा हुआ नमक और 1 कप गुनगुने पानी को अच्छी तरह मिलाकर
रोगी को देने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
नींबू को काटकर इसके टुकड़ों पर अजवायन और कालानमक
डालकर धीमी आग पर गर्म करके चूसें। इससे पेट दर्द में काफी लाभ
होता है।
1 चम्मच नींबू और अदरक का रस मिलाकर चाटने से पेट के दर्द में
आराम मिलता है।
आधे नींबू के रस में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर 100
मिलीलीटर पानी में डालकर पीने से पेट के दर्द में आराम होता है।
नींबू के रस में शहद और थोड़ा-सा जवाखार मिलाकर चाटने से
लाभ होता है।
12 मिलीलीटर नींबू का रस, 6 ग्राम शहद और 6 मिलीलीटर
अदरक के रस को 1 कप पानी में मिलाकर पीने से पेट के दर्द में लाभ
मिलता है।
नींबू का रस 3 मिलीलीटर, चूने का पानी 10 मिलीलीटर, शहद
10 ग्राम तीनों को मिलाकर 20-20 बूंद लें। इससे पेट दर्द और
अजीर्ण (मन्दाग्नि) दोनों बीमारियों में लाभ मिलता है।
कच्चे नींबू का छिलका दिन में 2 से 3 बार खाने से पेट में होने वाले
बादी का दर्द मिटता जाता है।
नींबू की फांकों में कालानमक, कालीमिर्च और जीरा भरकर गर्म
करके चूसने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है और पेट के कीड़े खत्म
हो जाते हैं।
डकार और जुलाब आने पर:
बिजौरे की जड़, अनार की जड़ और केशर पानी में घोटकर पिलाने
से डकार और जुलाब की बीमारी में आराम होता है।
पथरी :
बिजौरे नींबू के रस में सेंधानमक मिलाकर पिलाने से पथरी दूर
होती है।
नींबू के रस में सेंधानमक मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित पीने से
पथरी गल जाती है।
शक्ति वर्धक :
1 गिलास गर्म पानी में 1 नींबू को निचोड़कर पीते रहने से शरीर
के अंग-अंग में नई शक्ति महसूस होती है। इससे
आंखों की रोशनी बढ़ती है। मानसिक कमजोरी, सिर में दर्द और
पुट्ठों में झटके लगना बन्द हो जाते हैं। अधिक मेहनत के कारण आई
कमजोरी में बिना नमक या चीनी मिलाकर छोटे-छोटे घूंटों में
पीने से कमजोरी नहीं रहती है। ध्यान रहे कि पथरी के
रोगी को नींबू नहीं देना चाहिए।
40 ग्राम किशमिश, 6 मुनक्का, 6 बादाम और 6 पिस्ते रात
को आधे किलो पानी में कांच के बर्तन में भिगो दें। सुबह उठकर
पीसकर, छान लें और 1 चम्मच शहद और 1 नींबू निचोड़कर भूखे पेट
पीयें। इससे मानसिक व शारीरिक कमजोरी तथा थकान दूर
होती है।
खून की कमी या न बनना (रक्तक्षीणता) :
नींबू और टमाटर का रस सेवन करने खून की कमी दूर होती है।
यदि पाचन अंग कार्य नहीं करते, भोजन नहीं पचता, पेट में गैस
बनती हो तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस मिलाकर
बार-बार पीते रहने से पाचन अंगों की धुलाई हो जाती है
तथा खून और शरीर के समस्त विषैले पदार्थ पेशाब के द्वारा बाहर
निकल जाते हैं।
2 चम्मच नीबू के रस में आधा कप टमाटर का रस मिलाकर
प्रतिदिन सुबह और शाम 20 दिन तक पीने से रोग में लाभ
मिलता है।
खून के बहने पर (रक्तस्राव) :
1 कप गर्म दूध में आधा नींबू को निचोड़कर दूध फटने से तुरन्त पहले
पीने से खून का बहना बन्द हो जाता है। ध्यान रहे कि इस प्रयोग
को 1 या 2 बार से अधिक न करें।
फेफड़े, आमाशय, गुर्दे, गर्भाशय और मूत्राशय से खून के आने पर नींबू
का रस ठंड़े पानी में मिलाकर दिन में 3 बार पीने से खून
का बहना बन्द हो जाता है।
खून की शुद्धि के लिए :
नींबू को गर्म पानी में मिलाकर रोजाना दिन में 3 बार
पीना चाहिए। पानी को चाय की तरह गर्म करके खून की सफाई
होती है।
सुबह उठने के बाद पानी में नींबू को निचोड़कर पीने से कान से
मवाद बहना कम हो जाता है।
बिजौरा नींबू के रस में थोड़ी-सी सज्जीखार मिलाकर कान में
बूंदों के रूप में डालने से कान में से बहने वाला पीव बन्द होता है।
नींबू के 200 मिलीलीटर रस में सरसों का या तिल का तेल
मिलाकर अच्छी तरह उबाल लें। पकने पर छानकर बोतल में भरकर रख
लें। उसमें से 2-2 बूंद कान में डालते रहने से कान में पीव, खुजली, दर्द
और बहरेपन में लाभ पहुंचाता है।
प्यास अधिक लगना :
नींबू की पत्ती को मिट्टी में मिलाकर गोली बना लें। इस
गोली को आग में पकाकर 1 गिलास पानी में डालकर बुझाएं।
फिर उस पानी को कपड़े से छानकर पिलायें। इससे बुखार व अन्य
रोगों में लगने वाली प्यास मिटती है और गले का सूखना बन्द
हो जाता है।
नीबू को 1 गिलास पानी में निचोड़कर पीने से तेज प्यास
का लगना बन्द हो जाता है।
नींबू का शर्बत पीने से प्यास शान्त होती है।
गर्मी में नींबू के रस को शीतल (ठंड़े) पानी में मिला लें, फिर उसमें
चीनी डालकर शिकंजी बना लें। इसे पीने से गर्मी नष्ट होती है
और प्यास शान्त होती है।
कब्ज :
1 नींबू का रस 1 गिलास गर्म पानी के साथ रात में सोते समय लेने
से पेट साफ हो जाता है। नींबू का रस 15 मिलीलीटर और शक्कर
(चीनी) 15 ग्राम लेकर 1 गिलास पानी में मिलाकर रात
को पीने से पुरानी कब्ज दूर हो जाती है।
नींबू के रस में सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से पेट की बीमारी और
गैस बाहर निकल जाती है।
1 गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस व एक चम्मच शहद
मिलाकर पीने से कब्ज दूर होती है और शरीर का वजन घटने
लगता है।
नींबू का रस, 200 मिलीलीटर हल्का गर्म पानी, 5 मिलीलीटर
अदरक का रस और 10 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करने से कब्ज दूर
होती है।
5 मिलीलीटर नींबू के रस को 200 मिलीलीटर पानी के
मिलाकर उसमें 10 ग्राम मिश्री घोलकर पीने से कब्ज
(कोष्ठबद्धता) में लाभ मिलता है।
गन्ने का रस गर्म करके नींबू के रस के साथ सुबह के समय लेने से लाभ
होता है।
नींबू का रस 2 चम्मच, चीनी 5 ग्राम को मिलाकर शर्बत बना लें।
4-5 दिन तक लगातार पीने से लाभ होता है।
नींबू के रस में थोड़ी-सी पिसी हुई कालीमिर्च को डालकर सेवन
करना चाहिए।
गर्भवती स्त्रियों की उल्टी :
नींबू के रस को पानी में मिलाकर सुबह पिलाने से वमन (उल्टी) में
आराम आता है और भोजन आसानी से पचता है।
पेट दर्द :
नींबू के टुकड़ों पर कालानमक, कालाजीरा और कालीमिर्च
का पिसा हुआ चूर्ण डालकर चाटने से लाभ होता है।
1 छोटा चम्मच कागजी नींबू के रस में 1 चुटकी कालानमक
पिसा हुआ नमक और 1 कप गुनगुने पानी को अच्छी तरह मिलाकर
रोगी को देने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
नींबू को काटकर इसके टुकड़ों पर अजवायन और कालानमक
डालकर धीमी आग पर गर्म करके चूसें। इससे पेट दर्द में काफी लाभ
होता है।
1 चम्मच नींबू और अदरक का रस मिलाकर चाटने से पेट के दर्द में
आराम मिलता है।
आधे नींबू के रस में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर 100
मिलीलीटर पानी में डालकर पीने से पेट के दर्द में आराम होता है।
नींबू के रस में शहद और थोड़ा-सा जवाखार मिलाकर चाटने से
लाभ होता है।
12 मिलीलीटर नींबू का रस, 6 ग्राम शहद और 6 मिलीलीटर
अदरक के रस को 1 कप पानी में मिलाकर पीने से पेट के दर्द में लाभ
मिलता है।
नींबू का रस 3 मिलीलीटर, चूने का पानी 10 मिलीलीटर, शहद
10 ग्राम तीनों को मिलाकर 20-20 बूंद लें। इससे पेट दर्द और
अजीर्ण (मन्दाग्नि) दोनों बीमारियों में लाभ मिलता है।
कच्चे नींबू का छिलका दिन में 2 से 3 बार खाने से पेट में होने वाले
बादी का दर्द मिटता जाता है।
नींबू की फांकों में कालानमक, कालीमिर्च और जीरा भरकर गर्म
करके चूसने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है और पेट के कीड़े खत्म
हो जाते हैं।
डकार और जुलाब आने पर:
बिजौरे की जड़, अनार की जड़ और केशर पानी में घोटकर पिलाने
से डकार और जुलाब की बीमारी में आराम होता है।
पथरी :
बिजौरे नींबू के रस में सेंधानमक मिलाकर पिलाने से पथरी दूर
होती है।
नींबू के रस में सेंधानमक मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित पीने से
पथरी गल जाती है।
शक्ति वर्धक :
1 गिलास गर्म पानी में 1 नींबू को निचोड़कर पीते रहने से शरीर
के अंग-अंग में नई शक्ति महसूस होती है। इससे
आंखों की रोशनी बढ़ती है। मानसिक कमजोरी, सिर में दर्द और
पुट्ठों में झटके लगना बन्द हो जाते हैं। अधिक मेहनत के कारण आई
कमजोरी में बिना नमक या चीनी मिलाकर छोटे-छोटे घूंटों में
पीने से कमजोरी नहीं रहती है। ध्यान रहे कि पथरी के
रोगी को नींबू नहीं देना चाहिए।
40 ग्राम किशमिश, 6 मुनक्का, 6 बादाम और 6 पिस्ते रात
को आधे किलो पानी में कांच के बर्तन में भिगो दें। सुबह उठकर
पीसकर, छान लें और 1 चम्मच शहद और 1 नींबू निचोड़कर भूखे पेट
पीयें। इससे मानसिक व शारीरिक कमजोरी तथा थकान दूर
होती है।
खून की कमी या न बनना (रक्तक्षीणता) :
नींबू और टमाटर का रस सेवन करने खून की कमी दूर होती है।
यदि पाचन अंग कार्य नहीं करते, भोजन नहीं पचता, पेट में गैस
बनती हो तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस मिलाकर
बार-बार पीते रहने से पाचन अंगों की धुलाई हो जाती है
तथा खून और शरीर के समस्त विषैले पदार्थ पेशाब के द्वारा बाहर
निकल जाते हैं।
2 चम्मच नीबू के रस में आधा कप टमाटर का रस मिलाकर
प्रतिदिन सुबह और शाम 20 दिन तक पीने से रोग में लाभ
मिलता है।
खून के बहने पर (रक्तस्राव) :
1 कप गर्म दूध में आधा नींबू को निचोड़कर दूध फटने से तुरन्त पहले
पीने से खून का बहना बन्द हो जाता है। ध्यान रहे कि इस प्रयोग
को 1 या 2 बार से अधिक न करें।
फेफड़े, आमाशय, गुर्दे, गर्भाशय और मूत्राशय से खून के आने पर नींबू
का रस ठंड़े पानी में मिलाकर दिन में 3 बार पीने से खून
का बहना बन्द हो जाता है।
खून की शुद्धि के लिए :
नींबू को गर्म पानी में मिलाकर रोजाना दिन में 3 बार
पीना चाहिए। पानी को चाय की तरह गर्म करके खून की सफाई
होती है।
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