शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2015

सुपारी के गुण----


- आयुर्वेद के अनुसार गुरु, रूक्ष गुण, कषाय, मधुर रस और शीत होने से
यह कफ और पित्त का शमन करता है। इन गुणों के कारण
इसका प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।
-मसूड़ों से खून आने पर सुपारी को मोटा कूट कर काढ़ा बना लें।
इस काढ़े से नियमित कुल्ला करने से लाभ होता है। साथ
ही इसकी भस्म को दंत मंजन में मिलाकर मसूड़ों पर मालिश करने से
भी लाभ होता है।
- घाव होने पर इसके काढ़े से घाव को धोकर इसका बारीक चूर्ण
लगाने से रक्त बहना बंद हो जाता है और घाव भरने
की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है।
- राउंड वर्म और टेप वर्म का प्रकोप होने पर तीन ग्राम सुपारी के
चूर्ण को एक पाव दूध में मिलाकर खाली पेट पीने से कीड़े मर जाते
हैं।
- श्वेत प्रदर में इसके काढ़े की उत्तरवस्ति दी जाती है।
- अतिसार में इसका एक ग्राम चूर्ण अन्य औषधियों के साथ
मिलाकर देने से लाभ मिलता है।
- बहुमूत्रता में इसका चूर्ण एक से दो ग्राम गाय के घी के साथ
नियमित सेवन कराने से लाभ होता है।
- इसका अधिक प्रयोग रक्तभार को कम करता है तथा चक्कर आने
लगता है।
- सुपारी पेट से जुड़ी समस्याओं जैस गैस, सूजन, कब्ज, पेट के कीड़े
आदि के इलाज के लिए बहुत कारगर होती है।
- सुपारी के सेवन से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित
किया जा सकता है। सुपारी में मौजूद टैनिन उच्च रक्तचाप
को नियंत्रित करने में उपयोगी होता हैं।
- डायबिटीज के कारण कई लोगों को बार-बार मुंह सूखने
की समस्या होती है। यदि आपके साथ भी यह समस्या है तो जब
भी मुंह सूखे एक सुपारी का टुकड़ा मुंह में रखें। ऐसे लोगों को इस
स्थिति से बचने के लिए सुपारी बहुत मदद करती हैं, क्योंकि इसे
चबाने से बड़ी मात्रा में सलाइवा निकलती है।
- सुपारी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसके कारण
इसका इस्तेमाल दांतों की सड़न को रोकने के लिए मंजन के रूप में
किया जाता है। दांतों में कीड़ा लगने पर सुपारी को जलाकर
उसका पाउडर बना लें। इससे रोजाना मंजन करें, फायदा होगा।
- स्किजोफ्रेनिया एक तरह की दिमागी बीमारी है। इस
बीमारी के लक्षणों को सुपारी के सेवन से कम
किया जा सकता है। एक ताजा रिसर्च के अनुसार, इस बीमारी में
जो रोगी सुपारी का सेवन करते हैं, उनके लक्षणों में सुधार
होता है।
- सुपारी खाने से तंत्रिका तंत्र उत्तेजित होता है। इसे चबाने से
तनाव महसूस नहीं होता है।
- सुपारी में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो विषैले पदार्थों और
फ्री रैडिकल्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इससे
हमारा शरीर रोगों से बचा रहता है।
- सुपारी का काढ़ा बनाकर घाव पर लगाएं। इसके बारीक चूर्ण
को लगाने से भी खून बहना बंद हो जाता है। कुछ ही देर में घाव
भरने लगता है।
- सुपारी स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में बहुत मददगार होती है।
दाद, खाज, खुजली और चकत्ते होने पर सुपारी को पानी के साथ
घिसकर लेप करने से फायदा होता है। बहुत ज्यादा खुजली होने पर
सुपारी की राख को तिल के तेल में मिलाकर लगाने से लाभ
होता है।
- इसे लगातार मुंह में नहीं रखना चाहिए. इसका अनावश्यक सेवन
वात रोग बढाता है. सुपारी कच्ची नहीं होना चाहिए.
- इसका अधिक प्रयोग रक्तभार को कम करता है तथा चक्कर आने
लगता है।

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