शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

नारी कल्याण पाक ----------


यह पाक युवतियों, गर्भिणी, नवप्रसूता माताएँ तथा महिलाएँ –
सभीके लिए लाभदायी है |
लाभ : यह बल व रक्तवर्धक, प्रजनन – अंगों को सशक्त बनानेवाला,
गर्भपोषक, गर्भस्थापक (गर्भ को स्थिर – पुष्ट करनेवाला),
श्रमहारक (श्रम से होनेवाली थकावट को मिटानेवाला) व उत्तम
पित्तनाशक है | एक – दो माह तक इसका सेवन करने से श्वेतप्रदर
(ल्यूकोरिया, अत्यधिक मासिक रक्तस्राव व उसके कारण
होनेवाले कमरदर्द, रक्त की कमी, कमजोरी , निस्तेजता आदि दूर
होकर शक्ति व स्फूर्ति आती है | जिन माताओं को बार-बार
गर्भपात होता हो उनके लिए यह विशेष हितकर है |
सगर्भावस्था में छठे महीने से पाक का सेवन शुरू करने से बालक
हृष्ट-पुष्ट होता है, दूध भी खुलकर आटा है |
धातु की दुर्बलता में पुरुष भी इसका उपयोग कर सकते है |
सामग्री : सिंघाड़े का आटा, गेंहू का आटा व देशी घी प्रत्येक
२५० ग्राम, खजूर १०० ग्राम, बबूल का पिसा हुआ गोंद १०० ग्राम,
पिसी मिश्री ५०० ग्राम |
विधि : घी को गर्म कर गोंद को घी में भुन लें | फिर उसमें सिंघाड़े
व गेंहू का आटा मिलाकर धीमी आँच पर सेंके | जब मंद सुगंध आने लगे
तब पिसा हुआ खजूर व मिश्री मिला दे | पाक बनने पर थाली में
फैलाकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर रखें |
सेवन-विधि : २ टुकड़े ( लगभग २० ग्राम ) सुबह-श्याम खायें | ऊपर से
दूध पी सकते हैं |
सावधानी : खट्टे, मिर्च-मसालेदार व टेल हुए तथा ब्रेड-बिस्कुट
आदि बासी पदार्थ न खाये |

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