नीबू को स्वच्छ धोकर फ्रीजर में रखिए
8 सॆ 10 घंटे बाद वह बरफ जैसा ठंडा तथा कडा हो जाएगा।
उपयोग मे लाने के लिए उसे कद्दूकस कर लें।
आप जो भी खाएँ उसपर डाल के इसे खा सकते हैं।
इससे खाद्यपदार्थ में एक अलग ही टेस्ट आएगा।
नीबू के रस में विटामिन सी होता है।
ये आप जानते हैं।
आइये देखें इसके और क्या क्या फायदे हैं।
नीबू के छिलके में 5 से 10 गुना अधिक विटामिन सी होता है और
वही हम फेंक देते हैं।
नीबू के छिलके में शरीर कॆ सभी विषद्रव्य को बाहर निकालने
कि क्षमता होती है।
निंबु का छिलका कैंसर का नाश करता है।
यह छिलका कैमोथेरेपी से 10000 गुना ज्यादा प्रभावी है।
यह बैक्टेरियल इन्फेक्शन, फंगस आदि पर भी प्रभावी है।
निंबु का रस विशेषत: छिलका रक्तदाब तथा मानसिक दबाव
नियंत्रीत करता है।
नीबू का छिलका 12 से ज्यादा प्रकार के कैंसर में पूर्ण प्रभावी है
और वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट के।
इसलिए आप से प्रार्थना है कि आप अच्छे पके हुए तथा स्वच्छ नीबू
फ्रीज में रखे और कद्दूकस कर प्रतिदिन अपने आहार के साथ प्रयोग
करें।
शनिवार, 28 फ़रवरी 2015
फ्रीज़ किए गए नीबू के आश्चर्यजनक परिणाम।
सरल घरेलू उपाय, तुरंत आजमाएँ
* गैस की तकलीफ से तुरंत राहत पाने के लिए लहसुन की 2
कली छीलकर 2 चम्मच शुद्ध घी के साथ चबाकर खाएँ। फौरन
आराम होगा।
* प्याज के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से उल्टियाँ आना बंद
हो जाती हैं।
* सूखे तेजपान के पत्तों को बारीक पीसकर हर तीसरे दिन एक बार
मंजन करने से दाँत चमकने लगते हैं।
* हिचकी चलती हो तो 1-2 चम्मच ताजा शुद्ध घी, गरम कर सेवन
करें।
* ताजा हरा धनिया मसलकर सूँघने से छींके आना बंद हो जाती हैं।
* प्याज का रस लगाने से मस्सों के छोटे-छोटे टुकड़े होकर जड़ से
गिर जाते हैं।
* यदि नींद न आने की शिकायत है, तो रात्रि में सोते समय
तलवों पर सरसों का तेल लगाएँ।
* यदि आवाज बैठी हुई है या गले में खराश है, तो सुबह उठते समय और
रात को सोते समय छोटी इलायची चबा-चबाकर खाएँ
तथा गुनगुना पानी पीएँ।
शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2015
आहार हमारे स्वास्थ्य के लिये
आहार हमारे स्वास्थ्य के लिये तभी हितकर सिद्ध होगा, जब हम
इसका सेवन मात्र स्वाद की दृष्टि से न करके स्वास्थ्य
की दृष्टि से करेंगे ....
चांदी का वर्ख....
गोमाता एवं बछड़ों को मारकर उनकी आंत की परतों के बीच
चांदी के टुकड़ों को रखकर कूटा जाता है तब चांदी की पतली से
पतली परत तैयार होती है , जिसे चांदी का वर्ख कहा जाता है .
और हम इस वर्ख को भोग में चढाने वाली मिठाई , पान -
सुपारी इत्यादि में करते है और भगवान
की मूर्ती को चोला चढाने में भी ये इस्तेमाल किया जाता है .
चांदी महँगी होती है इसलिए ज़्यादातर एल्युमिनियम इस काम में
इस्तेमाल होता है .एल्युमिनियम सेहत के लिए बहुत ही घातक
होता है . यहाँ तक के केंसर भी पैदा करता है .
वर्ख चांदी का है या नहीं ये पता करने के लिए कांच के एक बाउल
में पानी भर ले ; उसमे सोडियम हायड्रॉक्साईड की एक
टिकिया घोल ले . अब उसमे वर्ख का एक टुकडा डाले . अगर
वो पूरी तरह घुल गया तो वो एल्युमिनियम है .
उबलते पानी या चूने के पानी में वर्ख डालने पर अगर उसका रंग बदल
जाए तो ऐसा वर्ख उपयोग करना सही नहीं .
सीधे मेटल खाने से किडनी खराब हो सकती है . आयुर्वेद में
भी धातुओं की भस्म इस्तेमाल होती है धातु सीधे नहीं .
इसलिए अगर वर्ख वाली मिठाई घर आ भी जाए तो उसे चाक़ू से
हटा ले और तभी उसका सेवन करे .
पाचन संबधी विकार और उनका घरेलू उपचार-
* भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर का प्रतिदिन सेवन
करना लाभप्रद होता है। यदि उस पर काला नमक डालकर
खाया जाए तो लाभ अधिक मिलता है। पथरी के रोगी को कच्चे
टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।
* 1/2 चम्मच सूखा अदरक पाउडर [सौंठ] लें और उसमें एक चुटी हींग
और सेंधा नमक मिला कर एक कप गरम पानी में डाल कर पीएं।
* गैस के कारण सिर दर्द होने पर चाय में पिसी कालीमिर्च डालें।
वही चाय पीने से लाभ मिलता है।
* कुछ ताजा अदरक स्लाइस की हुई नींबू के रस में भिगो कर भोजन
के बाद चूसने से राहत मिलेगी।
* पेट में या आंतों में ऐंठन होने पर एक छोटा चम्मच अजवाइन में
थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है।
बच्चों को अजवायन थोड़ी दें।
*भोजन के एक घंटे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच
सूखी अदरक और 1 चम्मच इलायची के दानो को 1/2 चम्मच
पानी के साथ मिला कर पिएं।
* वायु समस्या होने पर हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर
खाना चाहिए।
* अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में
पीस लें। बड़ों के लिए दो से छह ग्राम, खाने के तुरंत बाद पानी से
लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें।
* अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़क कर दिन में कई बार
उसका सेवन करें। गैस परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर
हलका होगा और भूख खुलकर लगेगी।
* काला नमक, हींग और सोंठ का काढ़ा बनाकर पीने से पेट से
संबंधित कई रोग दूर होते हैं। पेट साफ और स्वस्थ रहेगा तो शरीर
ऊर्जावान और शक्तिशाली बना रहता है।
* जो व्यक्ति हर रोज भोजन के बाद थोड़े से गुड़ का सेवन करता है,
उसे शारीरिक रूप से काफी लाभ प्राप्त होता है।गुड़
पुराना होगा तो अधिक फायदेमंद रहता है।भोजन के बाद थोड़ा-
सा मीठा खाने पर पाचन तंत्र को मदद मिलती है।
योग
वज्रासन : खाने के बाद घुटने मोड़कर बैठ जाएं।
दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें। 5 से 15 मिनट तक करें।
गैस पाचन शक्ति कमजोर होने से होती है। यदि पाचन
शक्ति बढ़ा दें तो गैस नहीं बनेगी। योग की अग्निसार क्रिया से
आंतों की ताकत बढ़कर पाचन सुधरेगा।
क्या आप सभी को पता है..???
कि डायबिटीज़ बीमारी इतनी क्यों बढ़ रही है इसका सबसे
बड़ा कारण है
आज से 25 साल पहले जब भी किसी के यहाँ पर जीमने
का बुलावा आता था तब जीमने में सबसे पहले केवल मिठाई
ही परोसी जाती थी और जब मिठाई से मन भर जाता था तब
जाकर पूड़ी सब्जी, दाल बाटी परोसी जाती थी.
क्योंकि भोजन करने के तुरन्त बाद शरीर में शुगर बढ़ती है इसलिए
पहले मिठाई का सेवन किया जाता था और बाद में बाकी भोजन
किया जाता था ।
आज कल सबकुछ उल्टा हो गया पहले भोजन बाद में मिठाई......
जब शरीर में शुगर बढ़ गयी और फिर मिठाई का उपयोग
किया जा रहा है तो डायबिटीज़ की सम्भावना बढेगी ही ।
अब जरा विचार करे कि अपनी पुरानी परम्परा से भोजन करने
वालो के डायबिटीज़ क्यों नही होती थी क्योकि वो पहले
मिठाई खाकर ही भोजन करते थे और कोई
भी कितनी ही जबरदस्ती करे वो भोजन चालू करने के बाद
किसी भी हालत में मिठाई नही खाते थे ।
आज कल तो पहले भोजन करेगे और शरीर की शुगर बढ़ने के बाद उस
शुगर को बढ़ाने के लिए मिठाई खाते है और डायबिटीज़ के
शिकार होते जा रहे है ।
आज से पहले मिठाई और फिर भोजन करने की आदत डालें..
टूथपेस्ट केवल दांतों को साफ करने के लिए ही नहीं इस्तेमाल होती
टूथपेस्ट केवल दांतों को साफ करने के लिए
ही नहीं इस्तेमाल होती बल्कि टूथपेस्ट
त्वचा की सभी समस्याओं जैसे दाग धब्बे, मुंहासे, गहरे
धब्बे और झुर्रियों के समाधान में उपयोगी है। शायद
आपको यह बात पता न हो।
टूथपेस्ट न केवल महिलाओं के लिए उपयोगी है
बल्कि पुरुष भी इसका उपयोग त्वचा के लिए कर सकते हैं।
टूथपेस्ट आपकी त्वचा की रंगत सुधारने में सहायक
होती है। टूथपेस्ट में उपस्ठित गुण त्वचा के दाग धब्बे
दूर करने में सहायक होते हैं।
पढ़िए इसके फायदेः-
1.त्वचा को गोरा बनाने के लिए टूथपेस्ट एक उत्तम
घरेलू उपचार है। आपको सिर्फ इतना करना है - एक
टेबलस्पून टूथपेस्ट में थोडा सा नीबू का रस मिलाएं।
त्वचा के रंग को निखारने के लिए इस मिश्रण को फेस
पैक की तरह चेहरे पर लगाए।
2. मुंहासों के लिए टूथपेस्ट मुंहासे त्वचा की एक
अन्य समस्या है जिसका सामना सभी को करना पड़ता है।
जब भी मुंहासे आयें तो उनपर थोडा सा टूथपेस्ट
लगायें। अगली सुबह मुंहासा आपको सूखा हुआ
दिखेगा तथा दाग भी नहीं दिखेगा।
3.टूथपेस्ट की सहायता से आप त्वचा के दाग धब्बे दूर कर
सकते हैं। टूथपेस्ट और दूध का मिश्रण बनाएं तथा इस
समस्या से छुटकारा पाने के लिए इसे चेहरे पर लगाएं।
4. टूथपेस्ट की मदद से झुर्रियों को कम
किया जा सकता है। आपको सिर्फ इतना करना है
कि थोड़ी सी टूथपेस्ट झुर्रियों वाले स्थान पर लगाएं
तथा रात भर इसे ऐसे ही छोड़ दें। दूसरे दिन इसे धो लें।
5.काले धब्बों के लिए टूथपेस्ट टूथपेस्ट
की सहायता से काले
धब्बों को हल्का बनाया जा सकता है। इस मास्क
को बनाने के लिए आपको टूथपेस्ट में टमाटर का रस
मिलाने की आवश्यकता होती है।
6.ब्लैकहैड्स के लिए टूथपेस्ट ब्लैकहैड्स
त्वचा की एक अन्य समस्या है जिसका सामना हमें
प्रतिदिन करना पड़ता है। ब्लैकहैड्स को दूर करने के
लिए टूथपेस्ट को अखरोट स्क्रब के साथ मिलाकर लगाएं।
7.चेहरे के बालों को निकालने के लिए टूथपेस्ट, नीबू
तथा नमक या शक्कर के मिश्रण का उपयोग करें। चेहरे के
बालों को निकालने के लिए इस मिश्रण से त्वचा पर ऊपर
की ओर मालिश करें।
8. तैलीय त्वचा के लिए टूथपेस्ट टूथपेस्ट
की सहायता से तैलीय त्वचा का उपचार
भी किया जा सकता है। पेस्ट, पानी और नमक का घोल
बनायें। त्वचा की इस समस्या को दूर करने के लिए
प्रतिदिन सुबह इस घोल से चेहरा धोएं।
90 प्रतिशत रोग केवल पेट से होते हैं.....!
* पेट में कब्ज नहीं रहना चाहिए।
अन्यथा रोगों की कभी कमी नहीं रहेंगे ।
* 103 रोग भोजन के बाद जल पीने से होते हैं। भोजन के 1
घंटे बाद ही जल पीना चाहिये।
* 80 रोग चाय पीने से होते हैं ।
* ठंडेजल (फ्रिज)और आइसक्रीम से बड़ीआंत सिकुड़
जाती है।
* भोजन के पश्चात् स्नान करने से पाचनशक्ति मन्द
हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है।
* शैम्पू, कंडीशनर और विभिन्न प्रकार के तेलों से बाल
पकने, झड़ने और दोमुहें होने लगते हैं।
* गर्म जल से स्नान से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम
हो जाती है और
शरीर कमजोर हो जाता है। गर्म जल सिर पर डालने से
आँखें कमजोर हो जाती हैं।
* खड़े होकर जल पीने से घुटनों(जोड़ों) में
पीड़ा होती है।
* खड़े होकर मूत्रत्याग करने से रीढ़
की हड्डी को हानि होती है।
* भोजन पकाने के बाद उसमें नमक डालने से रक्तचाप
(ब्लडप्रेशर) बढ़ता है।
* जोर लगाकर छींकने से कानों को क्षति पहुँचती है।
* मुँह से साँस लेने पर आयु कम होती है।
* पुस्तक पर अधिक झुकने से फेफड़े खराब हो जाते हैं और
क्षय(टीबी) होने का डर रहता है।
* चैत्र माह में नीम के पत्ते खाने से रक्त शुद्ध
हो जाता है मलेरिया नहीं होता है।
* तुलसी के सेवन से मलेरिया नहीं होता है।
* हृदयरोगी के लिए अर्जुनकी छाल, लौकी का रस, तुलसी,
पुदीना, मौसमी, सेंधा नमक, गुड़, चोकरयुक्त आटा,
छिलकेयुक्त अनाज औशधियां हैं।
* भोजन के पश्चात् गुड़ या सौंफ खाने से पाचन
अच्छा होता है। अपच नहीं होता है।
* मुलहठी चूसने से कफ बाहर आता है और आवाज मधुर
होती है।
* जल सदैव ताजा(चापाकल, कुएं आदि का) पीना चाहिये,
बोतलबंद (फ्रिज) पानी बासी और अनेक रोगों के कारण
होते हैं।
* नीबू गंदे पानी के रोग (यकृत, टाइफाइड, दस्त, पेट के
रोग) तथा हैजा से बचाता है।
* फल, मीठा और घी या तेल से बने पदार्थ खाकर तुरन्त जल
नहीं पीना चाहिए।
* भोजन पकने के 48 मिनट के अन्दर खा लेना चाहिए। उसके
पश्चात् उसकी पोशकता कम होने लगती है। 12 घण्टे के
बाद पशुओं के खाने लायक भी नहीं रहता है।।
* मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने से पोशकता 100%
कांसे के बर्तन में 97% पीतल के बर्तन में 93%
अल्युमिनियम के बर्तन और प्रेशर कुकर में 7-13%
ही बचते हैं।
* गेहूँ का आटा 15 दिनों पुराना और चना, ज्वार, बाजरा,
मक्का का आटा 7 दिनों से अधिक पुराना नहीं प्रयोग
करना चाहिए।
* खाने के लिए सेंधा नमक सर्वश्रेश्ठ होता है उसके
बाद काला नमक का स्थान आता है। सफेद नमक जहर के
समान होता है।
* सरसों, तिल,मूंगफली या नारियल का तेल
ही खाना चाहिए। देशी घी ही खाना चाहिए । रिफाइंड
तेल और वनस्पति घी (डालडा) जहर होता है।
* पैर के अंगूठे के नाखूनों को सरसों तेल से भिगोने
से आँखों की खुजली लाली और जलन ठीक हो जाती है।
* खाने का चूना 70 रोगों को ठीक करता है।
* चोट, सूजन, दर्द, घाव, फोड़ा होने पर उस पर 5-20 मिनट तक
चुम्बक रखने से जल्दी ठीक होता है।
* मीठे में मिश्री, गुड़, शहद, देशी(कच्ची)
चीनी का प्रयोग करना चाहिए सफेद चीनी जहर होता है।
* बर्तन मिटटी के ही परयोग करन चाहिए।
* टूथपेस्ट और ब्रश के स्थान पर दातून और मंजन
करना चाहिए दाँत मजबूत रहेंगे।
(आँखों के रोग में दातून नहीं करना)
अस्थमा में कुछ सावधानियां
अस्थमा में अधिकतर हवा में पाये गये धूल, मिट्टी, धुएं
के कण, जो सांस लेते हुए फेफड़ों तक जाते हैं, वे
श्वासनली में रूकावट पैदा करते हैं। सांस के
अलावा कभी-कभी कुछ खाने की चीजों से
भी अस्थमा होता है। ऐसे में अचानक सांस फूलने, तेज
खांसी आने, सीने में अजीब दर्द और थकावट महसूस होने
लगती है। जब कभी ऐसा लगे
तो सावधानी बरतना जरूरी हो जाता है। ध्यान दे कुछ
बातों पर:-
– अस्थमा अटैक होने से बचने के लिए गर्मियों व
सर्दियों में पोलन से बचें और खिड़की, दरवाजे बंद
रखें। गर्मियों में एयर कंडीशनर का प्रयोग करें।
– अस्थमा अटैक के समय अधिक बातें न करें, राम से
लेटें, शांत रहें ताकि सांस न फूले और सांस आसानी से
ली जा सके।
– अपने देसी नुस्खों को मत अपनाएं। डाक्टर
द्वारा बतायी गयी दवा का ही प्रयोग करें।
– घर में पर्दे आदि वही लगाएं जिन्हें आप जल्दी-
जल्दी धो सकें ताकि उनमें धूल का कण अधिक देर ने
टिक सकें।
– घर में किसी को भी अस्थमा हो तो घर पर कारपेट न
बिछाएं, क्योंकि कारपेट में धूल मिट्टी के कण
जमा होते रहते हैं।
– अस्थमा रोगियों को धूम्रपान करने वालों से दूर
रहना चाहिए।
– अस्थमा रोगी का बेडरूम साफ-सुथरा होनी चाहिए।
आवश्यकता होने पर कमरे में ह्यूमिडिफायर (नमी दूर
करने की मशीन) लगायें। चादर, तौलिया, तकिए का गिलाफ
अलग रखें और उन्हें सप्ताह में एक बार धोयें। 10-15 दिन
में तकिए और गद्दे कोक धूप लगायें और
उसकी मिट्टी को साफ करें।
– पालतू जानवरों से दूरी बना कर रखें।
.
सावधानियां बरत कर इस बीमारी से लड़ने का प्रयास करें।
कुछ घरेलू उपाये...
1.
नींबू- आधा नींबू लेकर उसे रोजाना अपनी त्वचा पर
रगड़े। यह एक ब्लीचिंग एजेंट है, जिससे घर पर
ही आपकी त्वचा गोरी बन जाएगी।
2.
आलू- आलू का रस निकालकर अपनी त्वचा पर पर
रोजाना लगाएं। इससे भी काफी फर्क महसूस होगा।
3.
टमाटर- टमाटर के गूदे को निकाल कर चेहरे और गर्दन पर
लगाइए। इससे त्वचा साफ होगी।
4.
शहद- आधा चम्मच शहद लें और उसमें चुटकी भर
दालचीनी डाल कर चेहरे पर लगाएं। कुछ देर बाद
चेहरा धो लें।
5.
खीरे का रस - खीरे का रस निकाल कर उसे चेहरे
या त्वचा पर लगाएं। यह ऑयली त्वचा के लिए
अच्छा होता है।
6.
दही- चेहरे पर दही लगाएं और कुछ देर बाद चेहरा धो लें।
रंग साफ लगने लगेगा।
7.
नारियल पानी- चेहरे पर नारियल पानी लगाने से दाग
धब्बे हल्के होते हैं।
8.
बादाम तेल- अपनी त्वचा पर बादाम तेल या जैतून तेल से
मालिश करें। आधे घंटे बाद चेहरा धो लें। इसमें आप
थोड़ा सा केसर भी मिक्स कर सकते हैं। चेहरा चमकने
लगेगा।
9.
पपीता- पपीता, शहद ,दूध और मिल्क पाउडर को एक साथ
मिक्स करके चेहरे पर लगाएं। इससे असर जरूर दिखाई देगा।
10.
चंदन पाउडर- चंदन पाउडर को बादाम तेल के साथ मिक्स
करके चेहरे पर लगाएं। स्किन हेल्दी हो जाएगी।
बुधवार, 25 फ़रवरी 2015
उरद की दाल से बना दही वड़ा ।
मित्रो आयूर्वेद के अनुसार कभी भी दो विरुद्ध वस्तूये एक साथ
नहीं खानी चाहिए ।
विरुद्ध वस्तुओ से अभिप्राय ऐसी वस्तूए जिनका गुण - धर्म अलग
हो ।
ऐसी कुछ 103 चीज़े आयूर्वेद में बाताई गई है । जो एक साथ
कभी नहीं खानी चाहिए ।
उदाहरण के लिये प्याज और दूध कभी एक साथ न खाये ।
एक दुसरे के जानी दुशमन हैं । इसको खाने से सबसे ज्यादा चमड़ी के
रोग आपको
होगें दाद,खाज ,खुजली,एगसिमा ,सोराईसिस, आदि ।
ऐसी ही कटहल (jack fruit )और दूध कभी न खाये । ये
भी जानी दुश्मन हैं ।
ऐसे ही खट्टे फ़ल जिनमे सिट्रिक ऐसिड होता है कभी न खायें ।
एक सिट्रिक
ऐसिड तो इनसान का बनाया है एक भगवान का बनाया है । जैसे
संतरा । कभी दूध
के साथ न खाये ।
आयुर्वेद के अनुसार अगर कोई खट्टा फ़ल दूध के साथ खाने वाला है
वो एक
ही है आवला । आवला दूध के साथ जरुर खाये ।
इसी तरह शहद और घी कभी भी एक साथ न खायें ।
आम की दोस्ती दूध से जबरद्स्त हैं लेकिन खट्टे आम की नहीं |
इसलिये मैग़ो
शेक पी रहे है तो ध्यान रखे आम खट्टा ना हो । ।
ऐसी ही उरद की दाल और दही एक दुसरे के जानी दुशमन हैं ।
उरद की दाल पर भारत में जितनी रिसर्च हो चुकी हैं तो ये
पता लगा ये दालो
की राजा है । हमेशा अकेले ही खाये दही के साथ तो भूल कर
भी ना खाये ।
आप इसका अपने शरीर पर परिकक्षण करे । एक खाने से पहले
अपना b.P चैक करें
। फ़िर उरद की दाल और दही खाये । आप पायेगें 22 से 25 %
आपका B.P बढ़ा हुआ
होगा । अर्थात ये अगर रोज रोज आप उरद की दाल , दही खा रहें है
तो 5,6
महीने में हार्ट अटैक आ ही जायेगा ।
इसका मतलब (दही वाड़ा ) कभी नहीं ।
क्योंके दही वाड़ा मे अगर वाड़ा उरद की दाल का बना हैं । और
आप उसे दही के
साथ खा रहें है तो बहुत तकलीफ़ करने वाला है ।
हां अगर आपको खाना है तो जरुर खायें लेकिन दही के साथ
नहीं चटनी के साथ खायें ।
इस लिये अगर घर में विवाह है तो मीनो बनाते समय जरुर ध्यान रखें ।
उरद की
दाल का वड़ा दही के साथ परोस कर दोहरे पाप के भागी न बने ।
क्योंके आतिथि देवो भव । मेहमान भगवान का रुप हैं । उसके
हनिकारक
वास्तुये न खिलाये ।
या वो वड़ा मूंग की दाल का बनवाये । उरद की दाल का है
तो दही के साथ नहीं
चटनी के साथ खाये ।
शराब की आदत छुड़ाने हेतु
1) जब शराब पीने की इच्छा हो तब किशमिश का १-१ दाना मुंह
में डालकर चूसें | किशमिश का शरबत पीने से भी दिमाग
को ताकत मिलेगी और धीरे-धीरे शराब छोड़ने की क्षमता आ
जायेगी l साथ ही इस मंत्र का जप करें : - "" ॐ ह्रीं यं यश्वराये
नमः "" अथवा जब शराबी निद्रा में
हो तो कुटुम्बी उसकी चोटी वाले भाग में देखते हुए मन ही मन
इसका जप करें l
Rishi Prasad - Nov. 2005
2) जिन्हें शराब पीने की आदत हो वो रोज शराब की जगह
गौझरण अर्क पियें । इससे उनकी शराब की लत छूट जाएगी, साथ
ही उनकी कई बीमारियाँ भी दूर होंगी ।
Rajokari 30th Nov. 10
3) बेटा-बेटी कोई बात नहीं मानते तो उनको टोको मत । आप
गहरा श्वास लेकर रोको ... सुबह ... और एक बार गायत्री मंत्र मन में
जप करो और संकल्प करो ... मेरा बेटा जिद छोड़ दें ..या अमुक
व्यक्ति शराब पीता है ... शराब छोड़ दें ... संकल्प कर के श्वास
छोड़ो ... दुबारा गहरा श्वास लेकर रोके ... अपना शुभ संकल्प करके
रोकें और फिर छोड़े .... ऐसे ५ बार रोज कीजिये ...
जितना आपका संकल्प पक्का उतना रिजल्ट जल्दी आयेगा ।
- श्री सुरेशानंदजी Etah 4/12/2011
4) नशा निवारक : शराबी प्राय: नशे की झोंक में इतनी शराब
पी जाता है की उसका यकृत नष्ट होकर मृत्यु का कारन बन
सकता है | इस स्थिति में ताजे पानी में खजूर को अच्छी तरह मसलते
हुए शरबत बनायें | यह शरबत पीने से शराब का विषैला प्रभाव नष्ट
होने लगता है |
मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015
हल्दी वाला दूध पीने के 7 लाभ
बहुत फायदेमंद हैं हल्दी वाला दूध इन दोनों के एक साथ प्रयोग से
चन्द्रमा और गुरु ग्रह भी मजबूत होता है। दूध जहां कैल्शियम से
भरपूर होता है वहीं दूसरी तरफ हल्दी में एंटीबायोटिक होता है।
दोनों ही आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। और
अगर दोनों को एक साथ मिला लिया जाये तो इनके लाभ
दोगुना हो जायेगें। आइए हल्दी वाले दूध के ऐसे
फायदों को जानकर आप इसे पीने से खुद को रोक नहीं पायेगें ।
1.सांस संबंधी समस्याओं में लाभकारी
----------------------
हल्दी में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते है, इसलिए इसे गर्म दूध के
साथ लेने से दमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में कफ और साइनस
जैसी समस्याओं में आराम होता है। यह मसाला आपके शरीर में
गरमाहट लाता है और फेफड़े तथा साइनस में जकड़न से तुरन्त राहत
मिलती है। साथ ही यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों से लड़ने
में मदद करता है
2. मोटापा कम करें
---------------
हल्दी वाले दूध को पीने से शरीर में जमी अतिरिक्त
चर्बी घटती है। इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनिरल और अन्य पोषक
तत्व वजन घटाने में मदगार होते है।
3. हडि्डयों को मजबूत बनाये
-----------------------
दूध में कैल्शियम और हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी के
कारण हल्दी वाला दूध पीने से हडि्डयां मजबूत होती है और साथ
ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। हल्दी वाले
दूध को पीने से हड्डियों में होने वाले नुकसान और
ऑस्टियोपोरेसिस की समस्या में कमी आती है ।
4. खून साफ करें
-------------
आयुर्वेदिक परम्परा में हल्दी वाले दूध को एक बेहतरीन रक्त शुद्ध
करने वाला माना जाता है। यह रक्त को पतला कर रक्त
वाहिकाओं की गन्दगी को साफ करता है। और शरीर में रक्त
परिसंचरण को मजबूत बनाता है।
5. पाचन संबंधी समस्याओं में लाभकारी
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हल्दी वाला दूध एक शक्तिशाली एंटी-सेप्टिक होता है। यह
आंतों को स्वस्थ बनाने के साथ पेअ के अल्सर और कोलाइटिस के
उपचार में भी मदद करता है। इसके सेवन से पाचन बेहतर होता है और
अल्सर, डायरिया और अपच की समस्या नहीं होती है।
6. दर्द कम करें
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हल्दी वाले दूध के सेवन से गठिया का निदान होता हैं। साथ
ही इसका रियूमेटॉइड गठिया के कारण होने वाली सूजन के
उपचार के लिये प्रयोग किया जाता है। यह जोड़ो और
मांसपेशियों को लचीला बनाता हकै जिससे दर्द कम
हो जाता है
7. गहरी नींद में सहायक
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हल्दी शरीर में ट्रीप्टोफन नामक अमीनो अम्ल को बनाता है
जो शान्तिपूर्वक और गहरी नींद में सहायक होता है। इसलिए अगर
आप रात में ठीक से सो नहीं पा रहें है या आपको बैचेनी हो रही है
तो सोने से आधा घंटा पहले हल्दी वाला दूध पीएं। इससे
आपको गहरी नींद आएगी और नींद ना आने की समस्या दूर
हो जाएगी।