रविवार, 1 मार्च 2015

आयुर्वेद में " चंदन " के गुण -----

चंदन एक सदाबहार, घना व छायादार वृक्ष है। यह अपने आस-पास
के पौधों से पोषक तत्व सोखता रहता है। इसके प्राकृतिक गुण
वातावरण को सुगंधित बनाए रखते हैं। यह श्वेत व लाल रंग
का होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में यह खूब होता है।
चंदन सिर्फ पूजा पाठ के लिए ही काम में नहीं लाया जाता,
इसका उपयोग सौंदर्य व औषधि के रूप में भी किया जाता है। चंदन
घिसकर देवताओं को लगाया जाता है। प्रतिदिन चंदन लगाने से
स्मरण शक्ति ठीक रहती है। चुस्ती-फुरती भी बनी रहती है। चंदन ते
तेल से बने सैंट, परफ्यूम लगाने से त्वचा को कोई नुकसान
नहीं होता।
* कफ वाली खांसी होने पर चंदन तेल की 3-4 बूंदे बताशे पर
डालकर खाएं। आराम मिलेगा।
* गर्मियों में उल्टियां होने पर चंदन को घिसकर आंवले के रस
या मुरब्बे के साथ खिलाएं।
* यदि आपकी त्वचा से दुर्गंध आती है तो चंदन की तेल की मालिश
करें।
* सिरदर्द व मानसिक परेशानी होने पर माथे पर चंदन का लेप करें
आराम मिलेगा।
* दुर्गंध दूर करने के लिए चंदन की अगरबत्ती जलायें। माहौल
भीनी-भीनी खुशबू से महकने लगेगा।
* चंदन की छाल को घिसकर त्वचा के रोगों में लगाने से तुरंत असर
होता है।
* उबटन में हल्दी के साथ चंदन मिलाकर लगाने से चेहरे के काले दाग,
झुर्रियां मुंहासे दूर हो जाते हैं व चेहरा साफ व चमकने लगता है।
* चंदन का धुआं कीटनाशी भी होता है। लू लग जाने पर हाथ,
पैरों पर चंदन को घिसकर लगाएं व चंदन का शर्बत पुदाने के रस के
साथ पिएं।
* जले-कटे स्थान पर तथा सृजन होने पर चंदन लगाने से आराम
मिलता है।
* सफेद चंदन को घिस कर शहद, मिश्री मिलाकर चावल के घोए हुए
पानी के साथ पीने से रक्ततिसार में लाभ होता है
*पतले दस्त होने पर चंदन घिसकर मिश्री या खस के
दानों को पीसकर उसके साथ पानी में घोल कर पी लें।
*एड़ियों के फटने पर चंदन का तेल लगाने से आराम मिलता है।
*बुखार में चंदन का तेल माथे पर लगाएं। इससे बुखार नियंत्रण में आ
जाता है।
*चंदन को आप कंडीशनर के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह
बालों को मजबूती देता है। इसका प्रयोग बालों को चमक व
पोषण देता है।

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