हमारी किडनी एक बेहतरीन फ़िल्टर हैं जो सालो से
हमारे खून की गंदगी को साफ़ करने का काम करती हैं
मगर हर फ़िल्टर की तरह इसको भी साफ़ करने की ज़रुरत हैं
ताकि ये और भी अच्छा काम करे।
आज हम आपको बता रहे हैं इसकी सफाई के बारे में और
वह भी सिर्फ 5 रुपैये में।
एक मुट्ठी भर धनिया लीजिये इसको छोटे छोटे टुकड़ो
में काट ले और अच्छी तरह धुलाई कर ले। फिर एक बर्तन
में १ लीटर पानी डाल कर इन टुकड़ो को डाल दे, 10 मिनट
तक धीमी आंच पर पकने दे, बस अब इसको छान ले और ठंडा
होने दो अब इस ड्रिंक को हर रोज़ एक गिलास खाली पेट
पिए। आप देखेंगे के आपके पेशाब के ज़रिये सारी
गंदगी बाहर आ रही हैं।
NOTE : - इसके साथ थोड़ी से अजवायन डाल ले तो सोने
पे सुहागा हो जाए।
अब समझ आया के हमारी माँ अक्सर धनिये की चटनी
क्यों बनती थी और हम आज उनको old fashion कहते हैं।
आयुर्वेद
शुक्रवार, 26 जून 2015
किडनी को साफ़ करे वह भी सिर्फ 5 रुपैये में।
पेट में दर्द होने का उपाय...
पेट में दर्द होना एक आम समस्या है ,जिससे लगभग
सभी व्यक्तियों को जीवन में
बार बार सामना करना पड़ता है | इनके कई अलग अलग
काऱण हो सकते है । पेट दर्द के मुख्य कारण कब्ज का
होना, ज्यादा गैस बनना, अपच, विषाक्त भोजन
सेवन करना आदि सकता हैं।यहाँ पर हम कुछ आसान से
उपाय बता रहे है जिसको करके आप पेट दर्द में आराम
प्राप्त कर सकते है ।
*पेट दर्द मे हींग बहुत ही
लाभकारी है। 5 ग्राम हींग
थोडे पानी में पीसकर पेस्ट
बनाएं। इसे नाभी पर और उसके आस पास
लगायें फिर क़ुछ देर लेटे रहें। इससे पेट की गैस
निकल जायेगी और दर्द में राहत
मिलेगी ।
*जीरा पेट दर्द मे बहुत हि लाभदायक है ।
जीरा को तवे पर भून ले । 2-3 ग्राम
की मात्रा गरम पानी के
साथ दिन मे 3-4 बार लें या वैसे ही
चबाकर खाये शीघ्र लाभ प्राप्त होता
है।
*10 ग्राम तुलसी का रस पीने
से पेट की मरोड़ व दर्द जल्दी
ही ठीक होता है।
*त्रिफला का 100 ग्राम चूर्ण में 75 ग्राम
चीनी मिलालें इस चुर्ण का
5 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 -3 बार
पानी के साथ सेवन करें। इससे पेट
की सभी
बीमारियां समाप्त होती
हैं।
*सूखा अदरक को मुहं मे चूसने से पेट दर्द में तुरन्त राहत
मिलती है।
*पेट दर्द में पानी में थोडा सा
मीठा सोडा डालकर पीने
से फ़ायदा होता है।
*बिना दूध की चाय पीने से
भी पेट दर्द में आराम मेहसूस होता हैं।
*अजवाईन तवे पर भून लें। इसको काला नमक के साथ
मिलाकर 2-3 ग्राम गरम पानी के साथ
दिन में 3 बार लेने से पेट के दर्द में शीघ्र
आराम मिलता है।
*एक चम्मच अदरक के रस में 2 चम्मच नींबू का
रस और थोडी सी
चीनी मिलाकर दिन मे 3
बार लेने से भी पेट दर्द में आराम मिलता
है।
*किसी भी पेट दर्द में केला
खाना लाभकारी होता है। केला एक
पोषक आहार होता है। केले का सेवन से पेट दर्द में
शीघ्र आराम मिलता है।
*नींबू के रस में काला नमक,
जीरा, अजवायन चूर्ण मिलाकर दिन में
तीन चार बार लेने से पेट दर्द से आराम
मिलता है।
*हरा धनिया का रस एक चम्मच शुद्ध घी
मे मिलाकर लेने से पेट के दर्द में शीघ्र
आराम मिलता है।
*अनार पेट दर्द मे बहुत लाभदायक माना गया है।
अनार के बीज थोडी मात्रा
में नमक और काली मिर्च के साथ दिन में
दो तीन बार लें।
*मूली की चटनी,
अचार, सब्जी या मूली पर
नमक, काली मिर्च डालकर खाने से पेट के
सभी रोग दूर होते है।
*चौलाई की सब्जी
बनाकर खाने से पेट की सभी
बीमारियां समाप्त होती
है।
*सौंठ का 1 चम्मच चूर्ण और सेंधा नमक को एक
गिलास पानी में गर्म करके
पीने से पेट दर्द खत्म हो जाता है।
*इसबगोल को दूध के साथ रात को सोते वक्त लेते रहने
से पेट के दर्द में आराम मिलता है ।
*प्याज को आग में गर्म करके रस निकाल लें और इस रस
में नमक मिलाकर पीएं। इससे
भी पेट का दर्द ठीक हो
जाता है।
*दो चम्मच ग्राम सौंफ़ रात भर एक गिलास
पानी में गलाएं इसे सुबह
खाली पेट छानकर पीयें पेंट
दर्द मे आराम मिलता है ।
काली मिर्च के फायदे (Benefits Of Black Pepper) :-
कब्ज की समस्या होने पर रात को सोते
समय 4-5 काली मिर्च को
पीसकर 1 गिलास दूध में मिलाकर
पीने से कब्ज में आराम मिल जाता है।
काली मिर्च के पाउडर में शहद में
मिलाकर चाटने से याददाश्त बढ़ती है।
काली मिर्च को घी में
बारीक पीसकर लेप करने से
दाद-फोड़ा, फुंसी आदि रोग दूर हो
जाते हैं।
1 चम्मच शहद, काली मिर्च और एक पिंच
हल्दी पाउडर मिलाकर खाने से कफ
की परेशानी से
काफी राहत मिलती है।
मंगलवार, 31 मार्च 2015
याददाश्त कमजोर होना (Memory weakness)
परिचय:-
इस रोग के होने के कारण रोगी व्यक्ति की याददाश्त बहुत
कमजोर हो जाती है। वह किसी भी चीजों को पहचान नहीं
पाता है अगर पहचानता भी है तो कुछ समय सोचने के बाद।
याददाश्त कमजोर होने का लक्षण :-
जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसके सिर में
हल्का दर्द रहता है, शोर बर्दाश्त नहीं होता है, एकाग्रता नहीं
रख पाता है तथा वह किसी भी बात तथा किसी भी चीजों
को याद नहीं रख पाता है।
याददास्त कमजोर होने का कारण :-
यह रोग दिमाग (मस्तिष्क) में रक्तसंचार की कमी हो जाने के
कारण होता है।
बहुत अधिक समस्याओं में उलझे रहने के कारण भी यह रोग हो
सकता है।
सिर पर किसी दुर्घटना के कारण तेज चोट लगने तथा किसी
दिमागी बीमारी के कारण भी यह रोग हो सकता है।
अत्यधिक मानसिक बीमारी होने के कारण भी यह रोग हो
सकता है।
याददाश्त कमजोर होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
इस रोग से पीड़ित रोगी को कॉफी, चाय, मैदा, कोला, शराब
तथा मैदा और मैदा से बनी चीजों का सेवन बंद कर देना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को संतुलित आहार जिसमें ताजी
सब्जियां, फल, अंकुरित अन्न आदि हो उसका सेवन करना
चाहिए जिसके फलस्वरूप कुछ ही दिनों में यह रोग ठीक हो
जाता है।
प्रतिदिन गाय के दूध में तिल को डालकर पीने से कुछ ही दिनों
में यह रोग ठीक हो जाता है।
अंगूर तथा सेब का अधिक सेवन करने से रोगी को बहुत लाभ
मिलता है।
पांच-छ: अखरोट तथा दो अंजीर प्रतिदिन खाने से याददाश्त
से सम्बन्धित रोग दूर हो सकते हैं।
रात के समय में बादाम या मुनक्का को भिगोकर सुबह के समय में
चबाकर खाने से यह रोग ठीक हो जाता है।
बादाम, तुलसी तथा काली मिर्च को पीसकर तथा इन्हें आपस
में मिलाकर फिर इसमें शहद मिलाकर प्रतिदिन खाने से यह रोग
ठीक हो जाता है।
तुलसी का रस शहद के साथ प्रतिदिन सेवन करने से याददाश्त
मजबूत होती है।
बादाम का तेल नाक में प्रतिदिन डालने से याददाश्त मजबूत
होती है।
इस रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन
जलनेति क्रिया करनी चाहिए तथा इसके बाद टबस्नान,
कटिस्नान करना चाहिए तथा इसके बाद मेहनस्नान करने से यह
रोग ठीक हो जाता है।
इस रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकार की यौगिक क्रियाएं
तथा योगासन हैं जिसे प्रतिदिन करने से यह रोग जल्दी ही ठीक
हो जाता है। ये आसन तथा यौगिक क्रियाएं इस प्रकार हैं-
भस्त्रिका प्राणायाम, नाड़ीशोधन, पश्चिमोत्तानासन,
वज्रासन, शवासन, योगनिद्रा, ध्यान का अभ्यास तथा
ज्ञानमुद्रा करने से यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
सिर्फ मरीजों की सब्जी नहीं है परवल
सिर्फ मरीजों की सब्जी नहीं है परवल
परवल दो तरह के होते हैं -एक कडुवा और दूसरा मीठा
बाज़ार में केवल मीठे परवल ही आते हैं जिनकी हम सब्जी खाते
हैं. इसकी लताएँ होती हैं ,जो घरों में गमले में लगाई जा सकती हैं.
एक बार लगाने पर एक से ज्यादा फसल इनसे मिलती है.
परवल बनाने के तो हजार तरीके प्रचलित हैं ,पर आइये आज देखते हैं
कि इनका औषधीय उपयोग क्या है?
***सबसे पहले यह देखिये कि परवल में खून शुद्ध करने का बहुत
महत्वपूर्ण गुण पाया जाता है. अगर शरीर में फोड़े -फुंसियां
ज्यादा मात्रा में निकाल रही हैं तो बस परवल की कम
मसालेदार सब्जी खाना शुरू कर दीजिये २१ दिनों में ही खून
की सारी अशुद्धता दूर हो जायेगी और फोड़े फुंसियां निकलना
बंद हो जायेंगी
***अगर कहीं आपको कडुवा परवल मिल जाए तो वो आपके
गंजेपन को चुटकी बजाते ही दूर कर देगा. कडुवे परवल का रस
निकालिए और उसे गंजे सर पर सिर्फ सात दिनों तक लेप कीजिए
और रात भर छोड़ दीजिये , नए बाल उग आयेंगे
*** परवल के पत्तों का रस भी गंजेपन को दूर कर देता है ,२१ दिन
लगाना पडेगा
*** चेचक निकली हो तो परवल की जड़ का काढा बस दो बार
आधा आधा कप पिला दीजिये
*** अगर सर में दर्द हो तो परवल की जड़ को घिस कर मलहम बना
लीजिये और उसे माथे पर लेप दीजिये, फ़ौरन आराम मिलेगा
*** हैजा हो गया हो तो परवल और इसके पत्ते की ही सब्जी
बार बार खिलाये ,बेहद आराम महसूस होगा .
*** अपच की शिकायत हो या पेट कमजोर हो तो परवल और
इसके पत्तों का काढा बनाइये और मिश्री या शक्कर मिला कर
आधा आधा कप सुबह शाम ३ दिनों तक पिला दीजिये
देखा आपने परवल कितना गुणकारी होता है ,भला डाक्टर्स इसे
खाने की राय न दें तो क्या करें ,इसकी उपेक्षा बहुत मुश्किल है.
मुझे उम्मीद है कि आप लोग खोज-खाज कर दोनों तरह के परवल
अपने गमलों में लगा लेंगे क्योंकि बाजार में तो सिर्फ परवल
मिलता है ,इसके पत्ते और जड़ तो मिलते नहीं .
सिर्फ मरीजों की सब्जी नहीं है परवल..
सफेद दाग (Leucoderma)
परिचय:-
देखा जाए तो सफेद दाग अपने आप में कोई रोग नहीं है बल्कि
त्वचा में मलानीन द्रव्य की कमी हो जाने से त्वचा का रंग
सफेद हो जाता है। सफेद दाग रोगी व्यक्ति के सम्पर्क से नहीं
फैलता है। इस रोग में कोई शारीरिक परेशानी, जलन या खुजली
नहीं हाती है सिर्फ चेहरे पर दाग ही रहते हैं। चेहरे पर सफेद दाग के
कारण व्यक्ति में मानसिक तनाव हो जाता है तथा हीनता
की भावना पैदा हो जाती है।
सफेद दाग कोई असाध्य रोग नहीं है इसलिए इस रोग के होने पर
किसी भी प्रकार की हीनभावना से ग्रस्त या निराश नहीं
होना चाहिए बल्कि दाग होने पर बड़ी आसानी से कम समय में
इसका उपचार किया जा सकता है और उसको बढ़ने से रोका जा
सकता है अन्यथा इसको ठीक करने में कुछ महीने से लेकर कुछ
वर्षों तक का समय लग जाता है।
सफेद दाग होने का लक्षण-
इस रोग के कारण शरीर के किसी भी भाग में त्वचा पर छोटा
सा दाग पीले रंग से शुरू होकर सफेद रंग का दाग बन जाता है। यह
दाग जगह-जगह फैलते हुए बड़े-बड़े चकतों के रूप में भी हो सकता है।
सफेद दाग होने का कारण-
दूषित भोजन सेवन करने के कारण व्यक्ति के शरीर में दूषित द्रव्य
जमा हो जाता है तब यह सफेद दाग का रोग व्यक्ति को हो
जाता है।
आंतों में कीड़े लगने के कारण भी सफेद दाग का रोग हो सकता
है।
सफेद दाग कई प्रकार के रोग होने के कारण भी हो सकता है
जैसे- पेचिश, कब्ज, चर्मरोग, टायफाइड, तपेदिक (टी.बी.),
एक्जिमा, दमा, मधुमेह, फोड़े, चोट, जलना तथा लीवर (जिगर)
संबन्धी रोग आदि।
मल-मूत्र के वेग को रोकने के कारण भी त्वचा पर सफेद दाग हो
जाते हैं।
शरीर में हार्मोन्स की गड़बड़ी तथा मानसिक आघात होने के
कारण भी यह रोग हो सकता है।
अधिक नमक, मिर्च मसाले वाली चीजों के खाने से यह रोग हो
सकता है।
घटिया किस्म की बिंदी लगाने तथा ब्लीचिंग का अधिक
प्रयोग करने के कारण भी सफेद दाग का रोग हो सकता है।
शक्तिशाली एन्टीबायोटिक तथा तेज औषधियों का सेवन
करने के कारण भी सफेद दाग का रोग हो सकता है।
अधिक नशीली चीजों का सेवन करने के कारण भी यह रोग हो
सकता है।
सफेद दाग को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से
उपचार:-
सफेद दाग को ठीक करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को
कुछ दिनों तक फलों तथा सब्जियों का रस पीना चाहिए तथा
फिर बिना पके हुए भोजन का सेवन करना चाहिए। हरी
सब्जियां तथा अंकुरित अन्न का सेवन बहुत लाभदायक होता है।
सफेद दाग से पीड़ित रोगी को हर 2 सप्ताह के बाद एक दिन
उपवास रखना चाहिए।
चुकन्दर, भिगोए हुए अंकुरित काले चने, अंजीर, खजूर, तुलसी के
पत्ते, त्रिफला और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर तथा नीम की
पत्तियों का सेवन करने से यह रोग ठीक हो जाता है।
रात को सोते समय तांबे के बर्तन में पानी को भरकर रख दें और
सुबह के समय में इस पानी को पीने से बहुत अधिक लाभ मिलता
है।
सफेद दाग से पीड़ित रोगी को कॉफी, चाय, चीनी, नमक,
मिर्च-मसालेदार, डिब्बा बंद भोजन, नशीली वस्तुएं, मांस तथा
अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस रोग को ठीक करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को
अपने पाचन संस्थान की सफाई करनी चाहिए ताकि
पाचनक्रिया ठीक प्रकार से हो सके। रोगी को अपने पेट की
सफाई करने के लिए एनिमा क्रिया करना चाहिए। फिर रोगी
को अपने पेट पर मिट्टी की पट्टी का लेप करना चाहिए तथा
इसके बाद कटिस्नान, कुंजल क्रिया करनी चाहिए।
1 छोटे चम्मच बावची के चूर्ण को सुबह तथा शाम पानी के साथ
सेवन करने से सफेद दाग के रोग में बहुत अधिक लाभ मिलता है।
सफेद दाग के रोग में सूर्यतप्त आसमानी तेल की मालिश तथा
सूर्यतप्त पीले पानी का सेवन करना भी लाभदायक होता है।
सफेद दागों पर तुलसी का रस मलने से कुछ ही दिनों में सफेद दाग
खत्म हो जाते हैं।
एक कांच की बोतल में अपने पेशाब को भरकर एक सप्ताह के लिए
रख दें। इसके बाद धूप में बैठकर इस पेशाब से अपने शरीर की मालिश
करने से सफेद दाग कुछ महीने में ही ठीक हो जाते हैं।
जानकारी-
इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा सफेद दाग का
उपचार करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
शनिवार, 28 मार्च 2015
पुदीना खाने के लाभ....
पुदीने का नाम सुनते ही पुदीने की खुशबू का एहसास होने
लगता हैं । पुदीने की चटनी बनाकर खाने से न सिर्फ भोजन का
स्वाद बढ़िया बन जाता हैं ब्लकि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी
इसका सेवन करना लाभदायक साबित होता हैं । पुदीना न केवल
हमारे शरीर को निरोग रखता है ब्लकि हमारे चेहरे की खूबसूरती
को भी बढ़ाने में मदद करता है । घर में कहीं भी इसका पौधा
किसी भी गमले या जमीन पर लगाया जा सकता हैं । पुदीने की
पत्तियों में विटामिन बी ,सी, डी, ई, कैल्शियम, फॉस्फोरस
प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं । पुदीने का रस निकालकर या
पुदीने की चटनी बनाकर इसका सेवन करना फायदेमंद साबित
होता हैं । पुदीना खाने के लाभ इस प्रकार हैं ।
- तनाव को करें दूर : पुदीने से आने वाली तेज खुशबू और इसमें
मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हमें तनाव से छुटकारा दिलवाने में मदद
करते हैं ।
- कैंसर से राहत : पुदीने में कुछ ऐसे एंजाइम होते हैं , जो कैंसर जैसी
भंयकर बीमारी से बचाने में मदद करते हैं ।
- पाचन क्रिया रखता हैं दुरुस्त : पुदीने के रस का सेवन करने से पेट
दर्द से छुटकारा मिलता है और भारीपन जैसे पेट में बनी
एसीडिटी से भी तुरंत राहत मिलती है और पाचन क्रिया को
दुरुस्त रखने में मदद करता हैं ।
- गले के लिए लाभदायक : पुदीने का सेवन करने से गले में हो रही
खराश और खांसी से भी राहत मिलती है ।
- अच्छा माउथफ्रेशनर : पुदीने की ताजा पत्तियों को
उबालकर उस पानी से गरारे करने से गला भी ठीक रहता है और
मुंह की दुर्गंध से भी छुटकारा पाया जा सकता है ।
- हिचकी : हिचकी आने पर पुदीने का सेवन करना लाभकारी
होता है ।
- गर्मी में लू लगने पर : पुदीने का सेवन करने से गर्मी में लू से भी
राहत मिलती है ।
- घाव होने पर : अगर शरीर पर कोई घाव हो जाएं तो पुदीने का
पेस्ट बनाकर उस घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है ।
- त्वचा के लिए फायदेमंद : पुदीने को पीसकर उस लेप को चेहरे पर
लगाने से चेहरे की झाइयां और दाग-धब्बे कम हो जाते है ।
- अस्थमा रोगियों के लिए : पुदीने का सेवन करने से हमें कई
रोगों से छुटकारा मिलता है ,पुदीने का सेवन अस्थमा जैसे रोग
के लिए भी लाभकारी है ।
- बुखार और उल्टी होने पर : बुखार होने पर पुदीने का रस
निकालकर या पुदीने की पत्तियों को पानी में उबालकर
थोड़ी चीनी मिलाकर इसका सेवन करने से बुखार से राहत पाई
जा सकती हैं और उल्टी होने पर भी पुदीने का रस निकालकर
पीने से उल्टी आना बंद हो जाता हैं।